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दरभंगा राज के 200 करोड़ के जेवरात बेचने के मामले में एसआइटी गठित, आरोपितों से मांगा गया कागजी साक्ष्य

नगर एसपी शुभम आर्य के नेतृत्व में टीम गठित की गई है. इसमें सदर एसडीपीओ, विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष, अनुसंधानक, तकनीकी प्रशाखा के अधिकारियों को शामिल किया गया है. टीम हर बिंदु पर जांच करेगी ताकि, पूरे मामले की सत्यता सामने आ सके.

दरभंगा. दरभंगा राज के 108 मंदिरों के करोड़ों के आभूषण बेचने के मामले में पुलिस दिन प्रतिदिन उलझती जा रही है. कई ऐसे राज है, जिससे पर्दा उठना अब भी शेष है. वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने पूरे मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित कर दिया है. उन्होंने बताया कि नगर एसपी शुभम आर्य के नेतृत्व में टीम गठित की गई है. इसमें सदर एसडीपीओ, विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष, अनुसंधानक, तकनीकी प्रशाखा के अधिकारियों को शामिल किया गया है. टीम हर बिंदु पर जांच करेगी ताकि, पूरे मामले की सत्यता सामने आ सके.

अधिकार को लेकर पुलिस ने मांगा कागजी साक्ष्य

उधर, महारानी काम सुंदरी देवी सहित एसबीआइ मुख्य शाखा दरभंगा के अधिकारियों से पुलिस अधिकारियों ने फिर से पूछताछ की. हालांकि, जिन सवालों का उत्तर पुलिस तलाश रही है, उसका वैधानिक जवाब नहीं मिल रहा है. ऐसी स्थिति में सभी से कागजी साक्ष्य मांगा गया है, जिससे सभी के अधिकारों की जानकारी मिल सके. पता चल सकेगा कि कौन, कैसे बैंक से आभूषणों से भरे बक्से को निकाल सकते थे. बैंक को भी बताना होगा कि किस प्रावधान के तहत बक्सा रखा गया, बक्सा लेने के लिए बैंक में किसने आवेदन दिया और आभूषणों से भरे बक्सा को घर तक किस प्रावधान के तहत पहुंचाया गया.

धार्मिक न्यास का डीड खंगाल रही पुलिस

पुलिस कामेश्वर सिंह धार्मिक न्यास के डीड को खंगालने में जुटी है. दरअसल, पुलिस यह पता करने में जुटी है कि क्या ट्रस्ट के किसी जवाबदेह ट्रस्टी को मंदिरों के आभूषणों को बेचने का अधिकार है अथवा नहीं. अगर वैधानिक अधिकार नहीं है, तो आभूषण खरीदने वाले, बेचने वाले आदि का गर्दन फंसना तय है. राज परिवार के सूत्रों की माने तो ट्रस्ट का कामकाज बेहद लापरवाही से चल रहा था. महारानी को ट्रस्ट के कामकाज से कोई मतलब नहीं था और उदयनाथ झा ही अवैध तरीके से ट्रस्ट के काम को संचालित किया करते थे.

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कुमार ने फिर उठासी सीबीआइ जांच की मांग

बहरहाल, मंगलवार से इस मामले को लेकर हाइवोल्टेज ड्रामा जारी है. उधर, मामले को लेकर विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले दरभंगा महाराज के उत्तराधिकारी कुमार कपिलेश्वर सिंह ने पूरे मामले की फिर से सीबीआई जांच कराने की मांग की है. उन्होंने इसे लेकर राज्य से लेकर भारत सरकार से भी अनुरोध किया है. इसे लेकर कई संगठनों ने भी समर्थन किया है.

जब्त हुआ था 1.6 किलो सोना और 33 किलो चांदी

बता दें कि मंगलवार को पुलिस ने शत्रुघ्न प्रसाद के दरभंगा टावर स्थित दुकान से गला हुआ 1.6 किलो सोना और 33 किलो चांदी जब्त किया था. इसके बाद महारानी के रिश्तेदार व मधुबनी जिले के मगरौनी निवासी उदयनाथ झा उर्फ विष्णु, ट्रस्ट के प्रबंधक केदारनाथ मिश्रा और ज्वेलर लहेरियासराय थाना क्षेत्र के रहमगंज निवासी शत्रुघ्न प्रसाद को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गयी. पूछताछ के बाद पीआर बाउंड पर सभी को छोड़ दिया गया था.

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