दुल्हन की तरह सजी सीता जन्मस्थली पुनौरा धाम, अयोध्या के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मिथिला में उत्साह
22 जनवरी को लेकर मठ-मंदिरों को सजाया-संवारा जा रहा है. जिले भर में रंगोलियां बनायी जाएंगी और दीपोत्सव मनाया जाएगा. साधु-संतों से लेकर अनेक कारोबारी, सामाजिक और धार्मिक संगठन इसकी तैयारियों में जुटे हैं. यह उत्साह और उमंग भगवान श्री राम के भव्य और दिव्य मंदिर के उद्घाटन को लेकर है.
सीतामढ़ी. श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में रहे आगामी 22 जनवरी को होने जा प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सीतामढ़ी में भी उत्साह, उमंग और राम-भक्ति का वातावरण है. 22 जनवरी को लेकर मठ-मंदिरों को सजाया-संवारा जा रहा है. जिले भर में रंगोलियां बनायी जाएंगी और दीपोत्सव मनाया जाएगा. साधु-संतों से लेकर अनेक कारोबारी, सामाजिक और धार्मिक संगठन इसकी तैयारियों में जुटे हैं. यह उत्साह और उमंग भगवान श्री राम के भव्य और दिव्य मंदिर के उद्घाटन को लेकर है.
मिथिला में उत्सव का माहौल
अयोध्या के राम मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मिथिला में उत्सव का माहौल करीब एक माह पहले से है जो अब पूरे चरम पर पहुंच चुका है. पिछले दिनों सीतामढ़ी के करीब 500 साधु-संतों और रामभक्तों ने मिथिला परंपरा के अनुसार अयोध्या जाकर 11 हजार भार सौंपा था. इसी प्रकार दरभंगा और मिथिला के अन्य इलाकों से भी बड़े पैमाने पर आम और खास लोग तरह तरह का उपहार लेकर अयोध्या गये.
मंदिर देखने के लिए अयोध्या जाना चाहते हैं कार सेवक
मिथिला में आज जो उत्साह और उमंग दिख रहा है सबकुछ ऐसा ही 1990 के दशक में भी देखने को मिला था जब भाजपा नेता लालकृष्ण आडवानी रथ-यात्रा लेकर बिहार पहुंचे थे. कार-सेवा में शामिल रहे प्रो वीरेंद्र सिंह और श्यामचंद्र सिंह अमिताभ बताते हैं कि त्रिभुवन सर्राफ, रामदेव महतो, कपिलेश्वर प्रसाद, प्रमोद चौधरी, राजबहोर सिंह आदि रामभक्तों को मुजफ्फरपुर के जेल में रखा गया था. श्याम चंद्र सिंह अमिताभ कारसेवा को अयोध्या जाने वाले कार सेवक तीन दशक से अधिक पुरानी यादों को ताजा कर रहे हैं. लोग उनसे घटना की कहानी बड़े चाव से सुन रहे हैं. प्रो वीरेंद्र सिंह का कहना था कि कार सेवा के दौरान वह बाल-बाल बचे थे. वह अब भव्य मंदिर को देखने के लिए फिर से अयोध्या जाना चाहते हैं.
राम-जानकी पथ से कम होगी अयोध्या से जानकी स्थल की दूरी
सीतामढ़ी और अयोध्या के बीच सुगम संपर्क को लेकर सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है. राम-जानकी पथ से राम जन्मभूमि से जानकी की जन्मस्थली की दूरी कम हो जाएगी. सीता आराधना मंडल के महामंत्री दिनेश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि अयोध्या से सीतामढ़ी को सीधा जोड़ने वाले इस पथ पर काम तेजी से हो रहा है. सीवान से मसरख तक के खंड का पिछले वर्ष टेंडर हुआ था. अब गंडक नदी पर नये पुल का निर्माण होना है. गंडक नदी के इस पार एनएच-221 के लिए निधि का आवंटन हो चुका है. यह मधुबन, शिवहर होते हुए सीतामढ़ी के बथनाहा और सुरसंड प्रखंड क्षेत्र से गुजरकर आगे जाता है. टेंडर नहीं होने से निर्माण रुका हुआ है.
अमृत भारत ट्रेन से सुगम हुई अयोध्या की यात्रा
दरभंगा और अयोध्या के बीच चलनेवाली अमृत भारत सीतामढ़ी होकर चल रही है. इस नई ट्रेन के शुरू होने से सीतामढ़ी और अयोध्या के बीच आवाजाही सुगम हो गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से इस अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. सीता प्राकट्यभूमि के भक्तों के लिए अपने पाहुन श्रीराम जन्मभूमि, अयोध्या जाने की दूरी कम हो चुकी है. इस ट्रेन के शुरू होने से जिले के लोग काफी खुश हैं.