सीतामढ़ी.बाल श्रम के खिलाफ जिला पुलिस व बचपन बचाओ आंदोलन की मुहिम का असर पड़ रहा है. पिछले 24 घंटे में विशेष अभियान के तहत पुनौरा थाना व मेहसौल ओपी क्षेत्र से कुल 10 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया. मुक्त कराये गये इन बच्चों की उम्र आठ से 14 वर्ष है. इन बच्चों को बाल कल्याण समिति, सीतामढ़ी के आदेश से सिमरा स्थित बाल गृह में आवासित किया गया है. बचपन बचाओ आंदोलन के सहायक प्रोजेक्ट पदाधिकारी मुकुुंद कुमार चौधरी ने शनिवार को बताया कि पुनौरा थाना क्षेत्र में कुल पांच बच्चों को बाल मजदूरी के कार्य से मुक्त कराया गया है. इसके अलावा मेहसौल ओपी क्षेत्र से कुल पांच बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराने में सफलता मिली है. इसको लेकर संबंधित नियोजकों के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. बाल श्रम के खिलाफ जिला पुलिस एवं बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से संयुक्त अभियान के तहत इस वर्ष अबतक जिलाभर से 34 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया गया.
बाल श्रम के उन्मूलन को लेकर चल रहा जागरूकता अभियान :
एसपी मनोज कुमार तिवारी के निर्देश पर लगातार जिलाभर में बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई कर बाल श्रम से बच्चों को मुक्त कराया गया है. पुलिस की विशेष किशोर पुलिस इकाई एवं नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन के संयुक्त प्रयास से डीएसपी सह नोडल, विशेष किशोर पुलिस इकाई मो नजीब अनवर के निर्देशन में बाल श्रम के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही विषय को लेकर क्षेत्र में जागरूक भी किया जा रहा है.बाल श्रम की सूचना पर नियोजकों पर होगी कार्रवाईडीएसपी सह नोडल, विशेष किशोर पुलिस इकाई मो नजीब अनवर ने बताया कि बच्चों से बाल श्रम न करवाया जाए, इसके लिए निरंतर क्षेत्र में निगरानी की जा रही है. बाल श्रम की सूचना पर त्वरित गति से नियोजक पर कारवाई की जायेगी. बचपन बचाओ आंदोलन के केंद्रीय निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि बाल श्रम नियोजक की दया नहीं सस्ती श्रम और शोषण की देन हैं. बाल श्रम से बच्चों को मुक्त करवाने की दिशा में हुई इस प्रगति की सराहना करते हैं.