पप्पू खान के आतंकी कनेक्शन की जांच को टीम गठित

सीतामढ़ी : हेट स्पीच वीडियो वायरल करने के मामले में गिरफ्तार पुपरी थाना क्षेत्र के बेदौल गोट निवासी मो मुश्ताक के पुत्र पप्पू खान के पास से बरामद मोबाइल में मिले 50 से अधिक उन्मादी वीडियो मिलने के बाद पुलिस व आतंक निरोधी दस्ते एटीएस के कान खड़े हो गये है. वहीं उसके आतंकी होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2017 4:22 AM

सीतामढ़ी : हेट स्पीच वीडियो वायरल करने के मामले में गिरफ्तार पुपरी थाना क्षेत्र के बेदौल गोट निवासी मो मुश्ताक के पुत्र पप्पू खान के पास से बरामद मोबाइल में मिले 50 से अधिक उन्मादी वीडियो मिलने के बाद पुलिस व आतंक निरोधी दस्ते एटीएस के कान खड़े हो गये है.

वहीं उसके आतंकी होने का शक बढ़ गया है.
इसी बीच एसपी ने एक टीम का गठन किया है. यह टीम पप्पू खान के आतंकी कनेक्शन की जांच करेगी. सर्किल इंस्पेक्टर सह अनुसंधानक मुकेश चंद्र कुंवर के नेतृत्व में पुलिस की टीम हैदराबाद जाकर जहां पप्पू के मौसेरे भाई सदरे आलम की तलाश करेगी, वहीं वास्तविकता का पता लगायेगी. इतना हीं नहीं यह टीम पप्पू को मिलने वाले फंड की भी जांच करेगी. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रहीं है कि पप्पू खान ने हेट स्पीच वीडियो को हैदराबाद में रह रहे अपने जिस मौसेरे भाई सदरे आलम को भेजने की बात पुलिस को बतायी है,
वास्तव में वह सदरे आलम है भी या नहीं. या फिर जिस तरह पप्पू ने खुद को मो अली सिद्दीकी बता कर वीडियो वायरल किया था, उसी तरह पुलिस को भटका रहा है. इधर, पुलिस पप्पू के मोबाइल के कॉल डिटेल, व्हाट्सएप्प डिटेल व व्हाट्सएप्प पर हुए वीडियो के आदान प्रदान की भी जांच कर रहीं है. पुलिस की राडार पर बदमाश कंपनी के सभी 41 सदस्य है.
जांच में सामने आया है कि व्हाट्सएप्प ग्रुप ‘बदमाश कंपनी’ में 41 सदस्य है. इनमें 10-15 मोबाइल नंबर स्वीच ऑफ आ रहा है. पप्पू के मोबाइल में 50 से अधिक ऐसे वीडियो मिले है जो धार्मिक उन्माद फैलाने वाले है. वीडियो से उसकी धार्मिक कट्टरता का पता चल रहा है. इसके अलावा अब तक की जांच में पुलिस को कई अन्य अहम सुराग भी मिले है.
हालांकि अनुसंधान प्रभावित नहीं हो, लिहाजा पुलिस ने कुछ भी बताने से परहेज किया है. इसी बीच सोमवार को नगर थाना पुलिस ने पप्पू खान को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है.
क्या है मामला : पप्पू खान ने हेट स्पीच वीडियो तैयार किया था. जिसमें उन्मादी शब्दों का प्रयोग कर एक खास समुदाय को गाली दी थी. वीडियो में पप्पू खान खुद को सीतामढ़ी निवासी मो अली सिद्दिकी बताते हुए नजर आया था. हाल हीं में यह वीडियो व्हाट्सएप्प के जरिए लोगों तक पहुंचा था. इसके बाद एक्शन में आये नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. सर्किल इंस्पेक्टर मुकेश चंद्र कुमार मामले के अनुसंधानक बनाये गये थे.
पुलिस की टीम फेसबुक के माध्यम से मो अली सिद्दीकी की तलाश कर रहीं थी. इस क्रम में दिल्ली में छापेमारी कर रून्नीसैदपुर निवासी मो अली सिद्दिक उर्फ सल्फ्यूरिक एसिड को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. हालांकि मामले में उसकी संलिप्तता सामने नहीं आयी, लिहाजा उसे मुक्त कर दिया गया. जबकि उक्त वीडियो के यू-ट्यूब पर अपलोड होने के बाद आतंक निरोधी दस्ता यानि एटीएस पटना की टीम भी एक्शन में थी. इसी क्रम में एटीएस पटना की टीम ने सीतामढ़ी पहुंच कर नगर थाना पुलिस के सहयोग से पुपरी थाना के बेदौल गोट में छापेमारी कर रविवार को पप्पू खान को दबोच लिया.
सीतामढ़ी का रहा है आतंकी कनेक्शन: सीतामढ़ी . हेट स्पीच वीडियो वायरल करने के बाद अब लोगों के जेहन में सवाल उठने लगा है कि वाकई पप्पू खान आतंकी है. वह आतंकी है या नहीं यह तो पुलिसिया जांच में सामने आयेगा. हालांकि सीतामढ़ी का आतंकी कनेक्शन रहा है. पिछले दो दशक में जिले में कई आतंकी पकड़े गए है. 11 मई 2002 को जिला मुख्यालय डुमरा के शंकर चौक के पास एक यात्री बस में छापेमारी कर पुलिस ने अफगानी व कश्मीरी नागरिक समेत इंडियन मुजाहिद्दीन नामक आतंक संगठन के 17 सदस्यों को लाखों के जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया था.
पिछले साल दिल्ली एयरपोर्ट से आतंकी संगठन आइएस में शामिल होने जा रहीं बाजपट्टी थाना के एक गांव की महिला गिरफ्तार की गयी थी. जून 2016 में नगर थाना पुलिस ने अबुल फदीदी नामक एक विदेशी नागरिक को मोहनपुर से दबोचा था, जो जेल में बंद है. इसके पूर्व महाराष्ट्र में आतंकी संगठन द्वारा वीर सपूतों की प्रतिमा तोड़ने के आरोप में सुरसंड थाने के चिकना गांव से एक आतंकी की गिरफ्तारी हुई थी.
भिट्ठा ओपी से भी एटीएस ने अरूण नामक एक युवक को आतंकी होने के शक में गिरफ्तार किया था, जिसे बाद में छोड़ दिया गया था. आइएसआइ को गुप्त सूचनाओं के आदान प्रदान को लेकर सुधांशु नामक एक सैनिक की भी गिरफ्तारी हुई थी. बताते चले की नेपाल से लगी खुली सीमा का फायदा उठाते हुए समय-समय पर आतंकी सीतामढ़ी के रास्ते भारत में प्रवेश करते रहे है.

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