कैबिनेट के निर्णय को वापस ले राज्य सरकार
पांच सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे जिलेभर के मुखिया सीतामढ़ी : बिहार सरकार के कैबिनेट द्वारा कथित रुप से ग्राम स्वराज को ध्वस्त करने, ग्राम सभा के अस्तित्व को समाप्त करने समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर जिला मुखिया संघ के बैनर तले जिले भर के दर्जनों मुखियाओं ने जिला मुख्यालय डुमरा स्थित […]
पांच सूत्री मांग को लेकर धरने
पर बैठे जिलेभर के मुखिया
सीतामढ़ी : बिहार सरकार के कैबिनेट द्वारा कथित रुप से ग्राम स्वराज को ध्वस्त करने, ग्राम सभा के अस्तित्व को समाप्त करने समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर जिला मुखिया संघ के बैनर तले जिले भर के दर्जनों मुखियाओं ने जिला मुख्यालय डुमरा स्थित आंबेडकर स्थल पर धरना दिया.
अध्यक्षता रामवृक्ष यादव ने की. वक्ताओं ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम 2006 के अन्य महत्वपूर्ण धाराओं में मनमाना एवं तानाशाही बदलाव करने के साथ हीं केंद्रीय अनुदान 14 वीं वित्त आयोग के दिशा निर्देशों के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा जबरन निर्देश थोपा गया है. पंचायती राज अधिनियम की धारा-17 के तहत मुखिया को प्रदत्त शक्तियां कृत्य एवं कर्तव्य में दो जून को कैबिनेट निर्णय में भारी कटौती की गयी है. पंचायती राज अधिनियम की धारा 170 में संशोधन से बिहार सरकार की तानाशाही एवं मनमानी बढ़ेगी.
मुखियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सत्तालोलुप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वोट की राजनीति के लिए हाइकोर्ट को नीचा दिखाते हुए भारत सरकार की राशि से अपना चेहरा चमकाने एवं एकतंत्रात्मक सत्ता के अहम में तानाशाही शासक की तरह मनमाना एवं एकाधिकारवादी निर्णय को कानूनी अमलीजामा पहना कर भारत सरकार के दिशा निर्देशों के विरुद्ध पंचायती राज संस्था को लगातार कमजोर करते हुए ध्वस्त करना चाहते हैं. धरना के पश्चात संघ का शिष्टमंडल डीएम से मिल कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा. धरना पर बैठने वालों में मुखिया संघ के अध्यक्ष रंजीत कुमार सिंह, अनिल कुमार यादव, नवेंदू किशोर सिंह, मनतोरिया देवी, शैलेंद्र कुमार उर्फ कब्बू खिरहर, शंभु यादव, संजीत कुमार, राजेश वात्सायन, कौशल किशोर यादव, हीरा देवी समेत बड़ी संख्या में मुखिया शामिल थे.