योग से होता है आध्यात्मिक विकास

कार्यक्रम. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जिलेभर में जगह-जगह लोग करेंगे योगाभ्यास सीतामढ़ी : आज विश्व योग दिवस है. पूरे जिले में इसकी तैयारी जोरों पर की गयी है. शहर समेत जिले के विभिन्न प्रखंडों के दो दर्जन से भी अधिक पंचायतों में योग शिविर का आयोजन किया गया है. वर्तमान में जिस प्रकार से हमारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2017 5:05 AM

कार्यक्रम. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जिलेभर में जगह-जगह लोग करेंगे योगाभ्यास

सीतामढ़ी : आज विश्व योग दिवस है. पूरे जिले में इसकी तैयारी जोरों पर की गयी है. शहर समेत जिले के विभिन्न प्रखंडों के दो दर्जन से भी अधिक पंचायतों में योग शिविर का आयोजन किया गया है.
वर्तमान में जिस प्रकार से हमारी जीवनशैली व खान पान में बदलाव हो रहा है उसने कई नई बीमारियों को जन्म दिया है, जिससे व्यक्ति में तनाव व थकान का स्तर बढ़ता जा रहा है. इससे निकलने के लिए हमारे पास एक बहुत ही बढ़िया इलाज है, जिसे हम योग कहते हैं.
आज योग को अपनाकर लोगों ने कई गंभीर बीमारियों को दूर करने के साथ ही जिंदगी को खुशहाल बनाया है. यदि हमें अपने जीवन में खुश रहना है तो हर हाल में हमें योग को अपनाना ही होगा.
योग शिक्षक : योग से मानव जीवन का उद्धार होता है. योग हमारे जीवन को नई दिशा देती है. योग से मानसिक, शारीरिक व बौधिक विकास होता है. सुंदर तन के साथ निर्मल मन को प्राप्त होता है, जिससे मानव अपने जीवन को तनाव मुक्त व्यतीत करता है. योग से हम सभी रोगों को दूर करते हैं और सभी बीमारियों से निजात पा लेते हैं.
योग शिक्षक : योग सुबह पांच से सात के बीच करना काफी लाभदायक होता है, क्योंकि उक्त समयावधि में वायु मंडल में ऑक्सीजन का मात्रा अधिक रहता है. यदि प्रतिदिन नियमित योग करने का संकल्प लेते हैं तो किसी भी असाध्य रोगों को ठीक किया जा सकता है. यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारी भी ठीक किया जा सकता है, इसलिए सभी मनुष्य को योग करना चाहिए.
योग शिक्षक : योगाभ्यास शरीर, मन, विचार, कर्म, आत्मसंयम, पूर्णता की एकात्मकता, मानव व प्रकृति के बीच सामंजस्य प्रदान करता है. योग मात्र व्यायाम नहीं, बल्कि स्वयं के साथ विश्व व प्रकृति के साथ एकत्व खोजने का भाव है. योग आधि, व्याधि व समाधि से निवृत दिलाता है. योगाभ्यास व्यक्तिगत चेतना को सार्वभौम चेतना के साथ एकाकार कर देता है. योगी पूर्व स्वतंत्रता प्राप्त कर मुक्तावस्था को प्राप्त करता है.
अध्यक्ष, पतंजलि योग समिति, सीतामढ़ी : योग हमारे ऋषि-मुनियों की परंपरा रही है. योग हमारे जीवन को कायाकल्प करने का काम करता है. योग से न केवल हमारा स्वास्थ्य संवर्धन होता है, बल्कि मानसिक विकास भी होता है. योग से हमारा आध्यात्मिक व बौधिक विकास होता है. नियमित योग करने से बीमार व्यक्ति स्वस्थ्य हो जाता है और स्वस्थ्य व्यक्ति कभी बीमार नहीं होता. वर्तमान परिवेश में सर्वत्र बीमारी का नजारा ही देखने को मिलता है.
ऐसे में योग ही एक प्राकृतिक विधा है, जिसे अपनाकर मानव स्वस्थ्य रह सकता है. योग को पूरी दुनिया स्वीकार कर चुकी है.
योग शिक्षक : आज के दौड़ में जिस तरह से हमारी जीवन शैली व खानपान में निरंतर बदलाव हो रहा है उसने कई नई बीमारियों को जन्म दिया है, जिससे व्यक्ति में तनाव व थकान का स्तर बढ़ रहा है. इससे निकलने के लिए हमारे पास एक बहुत ही बढ़िया इलाज है, जिसे हम सब योग कहते हैं. आज लोगों ने योग शक्ति अपनाकर कई रोगों को दूर किया है और अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाया है. इसी का नतीजा है कि आज योग ने पूरे विश्व में अपनी एक मजबूत जगह बना ली है.
योग शिक्षक : आज की भाग-दौड़ की जिंदगी में योग का महत्व बढ़ गया है. योग के माध्यम से शरीर को पूर्ण संतुलित किया जा सकता है. योग से कफ, पित्त व वायु से होने वाले रोगों व विचारों को ठीक किया जा सकता है. योग शरीर ही नहीं आंतरिक विचारों को भी स्वस्थ्य बनाता है. वर्तमान समय में आतंकवाद व अमर्यादित व्यवहारों में सुधार लाने का एक मात्र उपाय योग ही है. आज के दौड़ में कोई भी व्यक्ति अपने को स्वस्थ्य महसूस नहीं कर रहा है.
ऐसी परिस्थिति में ब्रह्म मुहूर्त में जगना व योग करना ही एक मात्र साधन है.
योग शिक्षक : देश के युवाओं को यदि सही दिशा में लाना है तो हमें सबसे पहले योग से ही जुड़ना होगा. जो योग करेगा वह न तो दुराचारी बनेगा और न ही भ्रष्टाचारी बनेगा. अगर कोई व्यक्ति गलत रास्ते पर हो तो उनको भी सही दिशा योग के माध्यम से ही मिलेगा. जो योग करेगा वह देश प्रेमी बनेगा और जो स्वदेश अपनाएगा वह देश को शक्तिशाली बनाएगा.
योग शिक्षक : योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज द्वारा दिया गया अकाट्य मंत्र है, जिसका अनुसरण मानव जीवन को स्व्स्थ्य व सुसंस्कृत बनाता है. योग शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक संतुलन को ठीक रखता है, जिससे मनुष्य पूर्णत: आरोग्यता प्राप्त करता है. मानव ही एक मात्र प्राणी है जो योग कर सकता है. यह पूर्वजों द्वारा दिया गया मंत्र है जिसका अनुसरण हम सभी को करना चाहिए.
जिलाध्यक्ष, भारत स्वाभिमान : योग द्वारा हमें एक नयी ऊर्जा मिलती है. योग हमारे मन व शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखता है. आपको अपने जीवन में हमेशा खुश रहना है तो आपको योग अपनाना होगा. योग शरीर ही नहीं आंतरिक विचारों को भी स्वस्थ्य बनाता है. वर्तमान समय में आतंकवाद व अमर्यादित व्यवहारों में सुधार लाने का एक मात्र उपाय योग ही है. आज के दौड़ में कोई भी व्यक्ति अपने को स्वस्थ्य महसूस नहीं कर रहा है.
ऐसी परिस्थिति में ब्रह्म मुहूर्त में जगना व योग करना ही एक मात्र साधन है.

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