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सड़कें टूटीं, ट्रैक ध्वस्त, परेशानी में पीड़ित

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By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2017 5:05 AM

बाढ़ का कहर. बैरगनिया से रक्सौल के बीच रेल परिचालन है बंद

बैरगनिया : प्रखंड क्षेत्र के बलुआ गांव के पास बागमती तटबंध टूटने के बाद इलाके में हुई तबाही 13 दिन बाद भी बरकरार है. ढेंग के पास रेलवे ट्रैक के बह जाने, नाहर सड़क पुल के ध्वस्त होने व जगह-जगह सड़कों के टूट जाने से बैरगनिया का सड़क व रेल संपर्क पूरी तरह भंग है. जो 13 दिन बाद भी बहाल नहीं हो सका है.
बैरगनिया स्टेशन से पूरब आउटर सिग्नल के पास स्थित रेल पुल नंबर 91 बी के बाढ़ में ध्वस्त हो जाने से बैरगनिया-सीतामढ़ी व लालबकेया नदी के पश्चिम रेल पटरी के नीचे से मिट्टी बह जाने के कारण बैरगनिया- रक्सौल के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद है. रेल परिचालन बंद हो जाने के कारण इस रेलखंड पर पैसेंजर गाड़ी, एक्सप्रेस ट्रेन व मालवाहक ट्रेन का परिचालन ठप है. इसके चलते आम लोगों को परेशानी हो हीं रही है, वहीं इस रेल खंड से नेपाल के लिए माल ढुलाई करने वाली माल गाड़ियों का परिचालन ठप है.
इससे रेलवे को रोजाना लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. टूटे पुल को दुरूस्त करने के लिए रेल प्रशासन कोई खास दिलचस्पी नही दिखा रहा है. डीआरएम आरके जैन व मुख्य अभियंता टूटे पुल का निरीक्षण कर चूके है. लेकिन 13 दिन गुजर जाने के बाद भी मरम्मत व निर्माण की दिशा में कोई पहल शुरू नहीं हो सकी है. राजद के प्रखंड अध्यक्ष रामाकांत राय ने शीघ्र टूटे रेल पुल का निर्माण कर रेल परिचालन शुरू कराये जाने की मांग की है.
वहीं कहा है कि रेल प्रशासन जानबूझ कर इस रेल खंड पर रेल परिचालन शुरू कराने के लिए प्रयास नहीं कर रहा है. उन्होंने एक सप्ताह के अंदर रेलवे द्वारा पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं किये जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. उधर, बैरगनिया से सीतामढ़ी जाने वाली मुख्य पथ बैरगनिया से नंदवारा के बीच चार स्थानों पर ध्वस्त हो गयी है. इसके चलते वैकल्पिक मार्ग बैरगनिया-भकुरहर-मुसाचक के रास्ते जैसे तैसे छोटी गाड़ियों का परिचालन हो रहा है. हालांकि मुख्य पथ में टूटे सड़क पर डायवर्सन बनाने का काम चल रहा है.
बीडीओ आशुतोष आनंद ने बताया कि टूटे सड़क के मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है. शीघ्र इस मुख्य मार्ग पर वाहनों का परिचालन शुरू किया जायेगा. इधर प्रखंड मुख्यालय का सीधा संपर्क बेल,परसौनी,जोरियाही, बखरी, भटोलिया व चकवा समेत कई गांव से भंग है. इन गांवों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली मुख्य पथों को बहाल करने के लिये मरम्मत का कार्य चल रहा है.
कई इलाकों में विद्युत आपूर्ति की सेवा ठप है. वहीं मोबाइल नेटवर्क भी पूरी तरह ठप है. इधर, बाढ़ के बाद अब भी दर्जनों गांवों में पानी बरकरार है. लोगों के घर व खेत बाढ़ के पानी में डूबे पड़े है. लोग अब भी बांध व सड़क के किनारे खुले आसमान के नीचे पॉलीथीन टांग कर गुजर-बसर कर रहे है.

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