बिहार बाढ़ का कहर : तटबंध टूटा, कई गांव डूबे, नेपाल में बारिश से बागमती नदी फिर उफनायी
राहत के लिए प्रखंड कार्यालय में हंगामा सीतामढ़ी : नेपाल के तराई क्षेत्र में हुई बारिश से बागमती नदी में उफान आ गया है. इसके कारण भादाडीह में निर्मित बांध टूटने के बाद रून्नीसैदपुर का इलाका जलमग्न हो गया है. इसके चलते खड़का, भादा टोला, माधोपुर चौधरी, रैन विष्णु, रैन शंकर, शिवनगर,सोनपूरवा, इब्राहिमपुर, नया वास, […]
राहत के लिए प्रखंड कार्यालय में हंगामा
सीतामढ़ी : नेपाल के तराई क्षेत्र में हुई बारिश से बागमती नदी में उफान आ गया है. इसके कारण भादाडीह में निर्मित बांध टूटने के बाद रून्नीसैदपुर का इलाका जलमग्न हो गया है.
इसके चलते खड़का, भादा टोला, माधोपुर चौधरी, रैन विष्णु, रैन शंकर, शिवनगर,सोनपूरवा, इब्राहिमपुर, नया वास, अथरी, महिमापुर, बसतपुर, रक्सिया, मानपुर जौआ,मझौली उर्फ भनुडीह, भादाडीह, चक दोनई व रून्नीसैदपुर उत्तरी समेत दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं, ओलीपुर गांव में बाढ़ के पानी में डूब कर मो सलाम मंसूरी की पांच वर्षीया पुत्री शानिया खातून की मौत हो गयी. वहीं, मेजरगंज प्रखंड की कोआरी मदन पंचायत के ग्रामीणों ने राहत की मांग को लेकर प्रखंड कार्यालय के समक्ष हंगामा किया.
बागमती नदी खतरे के निशान के ऊपर : बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, रून्नीसैदपुर के अलावा बेलसंड, बैरगनिया व सुप्पी में भी बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है. रून्नीसैदपुर व बैरगनिया में बड़ी आबादी बाढ़ के चलते बांध व हाइवे पर रहने को विवश है.
ढेंग में रेलवे ट्रैक के बाढ़ के पानी में बह जाने के कारण लगातार 21 वें दिन भी ढेंग-रक्सौल के बीच ट्रेन परिचालन बाधित रहा और बैरगनिया का पूर्वी चंपारण जिले से सड़क संपर्क भी भंग रहा.
नदी में पलटी नाव ग्रामीणों ने रस्सी के सहारे सभी को बचाया
समस्तीपुर. हथौड़ी थाने के बंधार गांव स्थित भगवान घाट के पास बागमती नदी की बीच धार में नाव पलटने से उस पर सवार सभी लोग डूब गये. ग्रामीणों ने रस्सी व तैराक की मदद से सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
घटना के कुछ घंटे बाद भी एक बार फिर नाव पलटने से आधे दर्जन लोग पानी में डूबने से बच गये. घटना के बाद घाट पर कुछ समय के लिए अफरातफरी का माहौल हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार की दोपहर दो बजे के आसपास चारा लाने को लेकर गांव के ही एक निजी नाव पर सवार होकर उस पार फकीरबन्ना, नरकटही , डेमूर, चौर में अपने मवेशियों के लिए चारा लाने जा रहे थे. इसी दौरान नदी में ज्यादा पानी होने के कारण नाव के अंदर पानी भर गया.