नवरात्र. जय मां काली पूजा समिति की ओर से 1999 से हो रही काली पूजा
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मां काली के दिखेंगे तीन स्वरूप
नवरात्र. जय मां काली पूजा समिति की ओर से 1999 से हो रही काली पूजा सीतामढ़ी : शहर के जानकी स्थान के समीप बड़ी बाजार में जय मां काली पूजा समिति द्वारा वर्ष 1999 से मां काली की पूजा अर्चना की जाती है.खास बात यह कि मां के भक्तों को यहां एक साथ मां काली […]
सीतामढ़ी : शहर के जानकी स्थान के समीप बड़ी बाजार में जय मां काली पूजा समिति द्वारा वर्ष 1999 से मां काली की पूजा अर्चना की जाती है.खास बात यह कि मां के भक्तों को यहां एक साथ मां काली के तीन स्वरूपों क्रमश: मां दक्षिणेश्वरी काली, कोलकाता की काली माता व तारा माई का दर्शन होता है, इसलिए यहां के पूजा की विशेष महत्व है और यहां सप्तमी से दर्शन को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. यहां का पूजा पंडाल का निर्माण भी काफी आकर्षक तरीके से बंगाल के किसी चर्चित काली मंदिर की तर्ज पर किया जाता है जो श्रद्धालुओं को बरबस अपनी ओर खींचता है. दर्शनार्थी यहां का दर्शन किये बिना नहीं रहते.
पूजा समिति के अध्यक्ष कुमार शक्ति, सचिव सूरज कुमार व कोषाध्यक्ष विकास कुमार समेत अन्य ने बताया कि यहां मां काली के तीनों स्वरूपों की प्रतिमा शुरू से ही दरभंगा के मूर्तिकार रामेश्वर पंडित द्वारा किया जाता है जो काफी भव्य व मनमोहक होता है. इस प्रकार की प्रतिमा का निर्माण शहर में कहीं और नहीं होता है. करीब 35 हजार के बजट से शुरू हुई पूजा का बजट इस साल करीब छह लाख तक पहुंच गया है.
आपदा के मद्देनजर नहीं वसूला जा रहा चंदा : पूजा समिति के लोगों ने बताया कि इस साल बाढ़ जैसी आपदा के चलते लोगों के सामने काफी परेशानी खड़ी हो गयी है, जिसको देखते हुए पूजा समिति की ओर से इस बार चंदा वसूली नहीं करने का फैसला लिया गया है. बताया कि पूर्व में पूरे शहर में घूमकर सहयोग मांगा जाता था. किसी पर कोई दबाव नहीं होता था. इस बार रसीद नहीं काटा जा रहा है. हालांकि, यदि कोई श्रद्धालु स्वेच्छा से सहयोग करते हैं तो पूजा समिति की ओर से उनका स्वागत है. पूजा समिति के लोगों ने शहर के श्रद्धालु भक्तों से स्वेच्छा से यथा संभव सहयोग करने की अपील भी की.
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