48 कर्मचारियों पर 273 पंचायतों की जिम्मेवारी
परेशानी. काम के लिए लोग रोज लगाते हैं कार्यालय की दौड़ सीतामढ़ी : 273 पंचायत वाले जिले में राजस्व कर्मचारियों की कमी के कारण आम से खास तक सब के सब परेशान हैं. समाज के सभी वर्ग के लोगों को अंचल कार्यालय से काम पूरा करने के लिए कई दिनों तक रोज-रोज मैराथन दौड़ लगाना […]
परेशानी. काम के लिए लोग रोज लगाते हैं कार्यालय की दौड़
सीतामढ़ी : 273 पंचायत वाले जिले में राजस्व कर्मचारियों की कमी के कारण आम से खास तक सब के सब परेशान हैं. समाज के सभी वर्ग के लोगों को अंचल कार्यालय से काम पूरा करने के लिए कई दिनों तक रोज-रोज मैराथन दौड़ लगाना पड़ता हैं. जिले के 17 प्रखंड में स्थापित अंचल कार्यालय की कहानी ऐसी ही है. कार्यालय खुलने से पहले आशा के साथ आना और निराश होकर लौट जाना. कारण राजस्व कर्मचारियों की कमी हैं. 273 पंचायत का जिम्मा मात्र 48 कर्मचारियों पर है.
सीओ कार्यालय व नजारत में महीनों से लटका है ताला
अंचल कार्यालय की वास्तविकता को सामने लाने के लिए प्रभात खबर टीम शुक्रवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे बथनाहा अंचल कार्यालय पहुंची. सीओ कार्यालय में ताला लटक रहा था. कार्यालय के बाहर कई जरूरतमंद लोग सीओ के आने का इंतजार कर रहे थे. वहां मौजूद हरिबेला गांव निवासी रामसेवक राय करीब 20 किलोमीटर की दूरी तय कर आवासीय प्रमाण-पत्र के लिए आए हुए थे. उन्होंने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से वह लगातार आ रहे हैं. प्रमाण-पत्र बन गया है, लेकिन सीओ का हस्ताक्षर नही हुआ है. भारत-नेपाल सीमा स्थित मेजरगंज प्रखंड के महादेव गांव के विनोद कुमार सिंह भी करीब उतनी ही दूरी तय कर पहुंचे थे.
उनका कहना था कि दाखिल-खारिज से संबंधित काम को लेकर वह भी दो-तीन दिनों से अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सीओ साहेब का कार्यालय लगातार बंद है. दिन भर इंतजार कर शाम को खाली हाथ लौट जाते हैं. वहां मौजूद लोगों से मिली जानकारी के अनुसार सीओ कार्यालय में महीनों से ताला लटका हुआ है. बीएओ अनिल कुमार चौधरी को सीओ का प्रभार सौंपा गया है. कुछ दिनों तक कार्यालय में बैठ कर काम निबटाए, लेकिन बाढ़ आने के बाद से वह लागातार गायब चल रहे हैं, जिससे आम लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है.
12 बजे तक कर्मचारी उपस्थित नहीं
अंचल कार्यालय का हाल और भी बुरा मिला. पूरा अंचल कार्यालय खाली पड़ा था. यानी दिन के 12 बजे तक भी अंचल के एक भी कर्मचारी काम पर नहीं आए थे. वहां आधा दर्जन छात्रों समेत अन्य लोग एलपीसी, आवासीय, जाति, आय प्रमाण-पत्रों को पाने के लिए टेबल पर लावारिश की तरह पड़े कुछ प्रमाण-पत्रों के बंडल को आवेदक खुद ही तलाश कर रहे थे. फर्श पर कागज के टुकड़े बिखड़े पड़े थे. नजारत में ताला लटक रहा था. आरटीपीए काउंटर पर जबरदस्त भीड़ थी. चार में से तीन कर्मी कामों को निबटा रहे थे. वहां मौजूद छात्र रुपेश कुमार, रंजीत कुमार व असलम आलम समेत अन्य लोगों ने बताया कि सेना बहाली को लेकर आवासीय, आय व जाति प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन किया था. 15 दिन बीत चुके हैं, लग रहा हैं बहाली वाली परीक्षा में शामिल नही हो पायेंगे.
बथनाहा अंचल का हाल
पंचायत : 21
राजस्व ग्राम : 90
हल्का कर्मचारियों की संख्या-5
जिले के अंचल कार्यालय से होनेवाले काम-काज : आवासीय, जाति व आय प्रमाण-पत्र, एलपीसी, दाखिल-खारिज, पारिवारिक सदस्यता प्रमाण-पत्र, राष्ट्रीय व बिहार से संबंधित विभिन्न पेंशन योजना, लगान रसीद, भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र, कन्या विवाह योजना, नि:शक्तता पेंशन, पारिवारिक लाभ योजना आदि.
बथनाहा अंचल में प्रतिदिन कितने आवदेन : करीब 300