चीनी मिल पर 20 करोड़ बकाया
पेराई सत्र शुरू. रीगा मिल वर्कर्स यूनियन के सदस्यों ने िकया प्रदर्शन उदासीनता पैसे नहीं मिलने से किसानों में मायूसी िवधान सभा में मामला उठने के बाद भी नहीं हो रहा रुपये का भुगतान सीतामढ़ी/रीगा : रीगा चीनी मिल के मुख्य द्वार के समक्ष वर्कर्स यूनियन के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन […]
पेराई सत्र शुरू. रीगा मिल वर्कर्स यूनियन के सदस्यों ने िकया प्रदर्शन
उदासीनता
पैसे नहीं मिलने से किसानों में मायूसी
िवधान सभा में मामला उठने के बाद भी नहीं हो रहा रुपये का भुगतान
सीतामढ़ी/रीगा : रीगा चीनी मिल के मुख्य द्वार के समक्ष वर्कर्स यूनियन के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया. संयुक्त किसान संघर्ष मोरचा के अध्यक्ष पारसनाथ सिंह ने बताया कि मिल पर किसानों का सत्र 2016 -17 का करीब 20 करोड़ का भुगतान बकाया है.
रीगा चीनी मिल में पेराई सत्र शुरू होने से किसानों ने राहत की सांस ली हैं, लेकिन भुगतान को लेकर हजारों किसानों का मन अब भी विचलित हैं. संशय की स्थिति बनी हुई है. कारण है कि विधानसभा में मामला उठने के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं हो सका है. किसान केन एक्ट के अनुसार भुगतान चाहते हैं.
संयुक्त किसान संघर्ष मोरचा व ईंखोत्पाद संघ लगातार किसानों के हित में आवाज उठाते हुए केन एक्ट के अनुसार भुगतान की मांग करते आ रहे है, बावजूद स्थिति ज्यों की त्यों बने रहने से किसान अब निराश हो चुके हैं. उनके मन में अविश्वास का माहौल पैदा हो गया हैं.
बोले मोर्चा के संरक्षक: संयुक्त किसान संघर्ष मोरचा के संरक्षक डाॅ आनंद किशोर सिंह कहते हैं कि ईंख की खेती करने वाले किसान का अब सरकार व मिल प्रबंधन पर से विश्वास उठ चुका है. केन एक्ट के अनुसार भुगतान होने के बाद ही माना जायेगा कि किसानों के साथ इंसाफ हुआ हैं. किसानों में उत्साह का माहौल बनाने के लिए एक सप्ताह के अंदर पुराना भुगतान कर देना चाहिए. इसके अलावा खराब हो रहे गन्ना की पेराई प्राथमिकता के आधार पर होनी चाहिए. ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़े.
आठ करोड़ हुआ भुगतान
रीगा चीनी मिल के पीआरओ विनय कुमार झा कहते है कि किसानों के भुगतान की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. यह सच है कि किसानों के खाता में अब तक रुपया नहीं पहुंचा है, लेकिन तकरीबन आठ करोड़ का भुगतान की प्रक्रिया कर दी गयी है. जल्द हीं किसानों के खाता में राशि पहुंच जायेगी. बकाया व नया भुगतान भी जनवरी माह से आरंभ कर दिया जायेगा. किसानों को हो रही दिक्कत से मिल प्रबंधन भी आहत हैं.
विनय कुमार झा, पीआरओ रीगा चीनी मिल