21 हजार में तय हुआ था सौदा
पहली बार जिले में रिश्वत लेते पकड़े गये हैं कोई एपीपी डुमरा कोर्ट : अपर लोक अभियोजक(एपीपी) सत्येंद्र कुमार तिवारी की निगरानी के हाथों गिरफ्तारी से बुधवार को पूरे दिन न्यायिक गलियारे में चर्चा का बाजार गरम रहा. संभवत: बिहार में किसी अपर लोक अभियोजक की घूस लेते गिरफ्तार होने की यह पहली घटना है. […]
पहली बार जिले में रिश्वत लेते पकड़े
गये हैं कोई एपीपी
डुमरा कोर्ट : अपर लोक अभियोजक(एपीपी) सत्येंद्र कुमार तिवारी की निगरानी के हाथों गिरफ्तारी से बुधवार को पूरे दिन न्यायिक गलियारे में चर्चा का बाजार गरम रहा. संभवत: बिहार में किसी अपर लोक अभियोजक की घूस लेते गिरफ्तार होने की यह पहली घटना है. कुछ लोग चर्चा में एपीपी को फंसाने की साजिश बता रहे हैं तो कुछ लोग लोभ में फंसने की बात कह रहे हैं. जिस बथनाहा थाना कांड संख्या-37/12 मामले में सूचक सुभान अंसारी के निगरानी में शिकायत दर्ज करने के बाद 21 हजार रिश्वत लेते एपीपी की गिरफ्तारी हुई है, उसका ट्रायल त्वरित विचारण कोर्ट-दो में चल रहा है.
बथनाहा थाना के हरिबेला गांव निवासी सुभान अंसारी, सफीना खातून, अब्दुल अंसारी, नथुनी अंसारी एवं मो मुस्तकीम उक्त केस में आरोपित है. नाबालिग लड़की के अपहरण के उक्त मामले में कुछ दिन पूर्व हीं सुभान अंसारी समेत अन्य आरोपितों ने बेल कराया है. मामले में केस फाइनल करने के लिए हीं एपीपी श्री तिवारी रिश्वत का सौदा किया था. जिसमें पहले 50 हजार की राशि मांगी गयी थी. केस के आरोपित पक्ष पांच-छह हजार लेकर मामले को निपटाने का आग्रह कर रहे थे, लेकिन एपीपी 21 हजार रुपये लेने पर अड़ गये. बाद में सुभान अंसारी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पहुंचकर इसकी शिकायत की. जिसके बाद एपीपी को रिश्वत की राशि लेते गिरफ्तार किया गया.
जिस केस में एपीपी रिश्वत लेते निगरानी के हत्थे चढ़े चढ़े हैं, वह मामला बथनाहा थाना के हरिबेला गांव में नाबालिग सहीदा खातून के अपहरण से जुड़ा है. गांव के हीं बाबूजान अंसारी ने छह अप्रैल 2012 को बथनाहा थाना में प्राथमिकी(कांड संख्या-37/12) दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में गांव के हीं सफीना खातून, अब्दुल अंसारी, सुभान अंसारी, नथुनी अंसारी एवं मो मुस्तकीम को आरोपित किया गया था. प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि उक्त लोगों ने शादी की नियत से बहला-फुसलाकर उसकी नाबालिग पुत्री सहीदा खातून का अपहरण कर लिया. जिसमें पुत्री द्वारा घर से 80 हजार कैश व सोने-चांदी के जेवर लेकर जाने का भी आरोप है. कांड के आइओ तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर राजीव रंजन ने आरोप-पत्र दायर कर दिया. तत्कालीन सदर डीएसपी से लेकर एसपी ने भी अपहरण की घटना को सत्य करार दे दिया.
कोर्ट में 164 के बयान में अपहरण को बताया झूठ: बाद में पुलिस ने सहीदा खातून को बरामद करने के पश्चात कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराया. जिसमें सहीदा ने अपहरण के आरोप से हीं इनकार कर दिया. उसने कोर्ट में कहा कि उसका कहीं अपहरण नहीं हुआ था, वह अपनी मरजी से अब्दुल अंसारी से प्रेम-विवाह कर पटना चली गयी थी. केस का ट्रायल वर्ष 2013 में खुल गया.
जिसमें कांड के सूचक सहीदा के पिता बाबूजान अंसारी, गुलाम मुस्तफा, मौलाना बक अंसारी, समी हैदर अंसारी एवं योगेंद्र राय की कोर्ट में गवाही हुई.