सज-धज कर तलखापुर चर्च तैयार
क्रिसमस आज . सांता क्लॉज से उपहार पाने को बेसब्री से इंतजार करते रहे बच्चे सीतामढ़ी : सोमवार को पूरी दुनिया में जीसस क्राइस्ट जन्म दिवस के रूप में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाएगा. दुनिया भर में इसकी जमकर तैयारी की जाती है. शहर से सटे मधुबन चर्च में भी आज क्रिसमस का त्योहार मनाया […]
क्रिसमस आज . सांता क्लॉज से उपहार पाने को बेसब्री से इंतजार करते रहे बच्चे
सीतामढ़ी : सोमवार को पूरी दुनिया में जीसस क्राइस्ट जन्म दिवस के रूप में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाएगा. दुनिया भर में इसकी जमकर तैयारी की जाती है. शहर से सटे मधुबन चर्च में भी आज क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है. चर्च को आकर्षक तरीके से रंग-बिरंगी रौशनियों से सजाया गया है. सुबह से ही लोग चर्च में ईसा मसीह का जन्मोत्सव मनाने के लिए पहुंचना शुरू कर देंगे. बाद में प्रार्थना सभा में शामिल होकर मानव कल्याण एवं विश्व शांति के लिए प्रभु ईसा से प्रार्थना करेंगे.
ईसा के रहस्यमयी जीवन को कहा जाता है मिसिंग ईयर्स
विश्व के इतिहास में महानतम व्यक्तियों में से एक जीसस या ईसा के जीवन का एक बड़ा कालखंड रहस्यमयी रहा है. इतिहास के जानकारों की मानें तो उनकी 12 वर्ष तक की गतिविधियों का उल्लेख ही बाइबल में मिलता है. बाइबल में उल्लेख है कि ईसा मसीह 12 वर्ष की आयु में यरुशलम में तीन दिनों तक रुककर पूजा स्थलों में उपदेशकों के बीच में बैठकर उनकी सुनते व प्रश्न पूछते पाये गए थे. 13 से 29 वर्ष के जीवन के बारे में कहीं उल्लेख नहीं मिलता है.
जीसस के जीवन के इस रहस्यमय वर्षों को ईसाई जगत में साइलेंट ईयर्स, लॉस्ट ईयर्स या मिसिंग ईयर्स कहा जाता है. इसके बाद जीसस ने सीधे तीस वर्ष की उम्र में यरुशलम लौटकर यूहन्ना से दीक्षा ली और चालीस दिनों के उपवास के बाद लोगों को धार्मिक शिक्षा देने लगे. आखिर 33 सााल की उम्र में उन्हें क्रूस पर लटका दिया गया. बताया जाता है कि प्रभु यीशु के भारतवर्ष में काफी समय व्यतीत करने का उल्लेख विभिन्न ग्रंथों में मिलता है, जहां से उन्होंने दुनिया को मानवता, शांति, भाईचारा एवं प्रेम का संदेश दिया था.
प्रभु यीशु ने मनुष्य को शांति व प्रेम का दिया संदेश
तलखापुर चर्च के पादरी के अनुसार प्रभु यीशु का जन्म परम आनंद का शुभ समाचार है.यह दिन सभी के लिए खुशी का संदेश देता है. प्रभु यीशु मानव के रूप में अवतरित होकर मनुष्य को प्रेम व मानवता का संदेश दिया. प्रभु मनुष्य को अंधकार व मृत्यु के भय से बचाता है.प्रभु यीशु दुनिया को क्षमा करना सिखाया तथा शांति एवं भाईचारा का संदेश दिया. बताया गया कि चर्च में सुबह से भी भजन का कार्यक्रम किया जाएगा. साथ ही गरीबों के बीच कंबल का वितरण किया जाएगा.