सीतामढ़ी (पुपरी): माध्यमिक बोर्ड परीक्षा के चौथे दिन शनिवार को गणित विषय में पूछे गये कठिन प्रश्नों से बौखलाये परीक्षार्थियों ने रविवार को जनकपुर रोड रेलवे स्टेशन पर जम कर बवाल काटा. यात्री शेड को तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया. सिग्नल के तार शीशा पर अपना गुस्सा उतारा. उग्र परीक्षार्थियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठी चटकाना शुरू किया. जवाब में परीक्षार्थियों ने जम कर रोड़ेबाजी की.
सूचना पर पहुंचे प्रभारी बीडीओ सह सीओ लवकेश कुमार, इंस्पेक्टर गोरख राम, थानाध्यक्ष कपूरनाथ शर्मा, दारोगा अरुणजय कुमार, बबन प्रधान, जमादार शांति प्रकाश, रवींद्र नाथ शर्मा, अजय कुमार पासवान समेत बाजपट्टी व नानपुर थाना पुलिस को घंटों मशक्कत करनी पड़ी. बावजूद आक्रोशित परीक्षार्थी मानने को तैयार नहीं थे. इस बीच दो स्थानीय रोगी को इलाज के लिए दरभंगा ले जाने लिए कुछ लोग रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां परीक्षार्थियों द्वारा किये जा रहे हंगामे को लेकर शांत करने की कोशिश की, लोग मानने को तैयार नहीं थे.
परीक्षार्थियों के नहीं मानने पर पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर खदेड़ना शुरू किया. इस दौरान परीक्षार्थियों ने पुन: पत्थरबाजी शुरू कर दी. बावजूद पुलिस ने परीक्षार्थियों के प्रति लचीला रुख अपनाते हुए सब्र से काम लिया. तब स्थानीय पूर्व मुखिया इसरारूल हक पप्पू, प्रदीप गिरि समेत दर्जनों लोगों ने परीक्षार्थियों को खदेड़कर माहौल को शांत कराया. करीब ढाई-तीन घंटे तक हुए हंगामा के दौरान परीक्षार्थियों ने रेलवे फ्लेटफार्म पर यात्रियों के बैठने के लिए बने सीमेंट के बेंच को उठाकर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया. बीडीओ समेत पुलिस प्रशासन से परीक्षार्थियों ने अभद्र व्यवहार किया.
परीक्षार्थियों के उपद्रव को लेकर समस्तीपुर से रक्सौल तक जानेवाली सवारी गाड़ी को आधा घंटा जोगियारा रेलवे स्टेशन व 15 मिनट सिग्नल पर रुकना पड़ा. ट्रेन रुकने व तोड़फोड़ करने की पुष्टि स्टेशन अधीक्षक शिवनाथ प्रसाद ने की. हंगामा के दौरान परीक्षार्थियों का कहना था कि गणित विषय में सिलेबस से बाहर के प्रश्न पूछे गये हैं. लिहाजा हमलोगों को 30 प्रतिशत से अधिक अंक चाहिए अन्यथा हंगामा जारी रहेगा. परीक्षार्थी डीएम व शिक्षामंत्री को बुलाने की मांग कर रहे थे. समाचार प्रेषण तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई थी. बीडीओ समेत सभी पुलिस प्रशासन घटना स्थल पर ही जमे हुए थे. जबकि जीआरपी व आरपीएफ के पदाधिकारी व जवान दोपहर 12 बजे तक नहीं पहुंचे थे.