शर्मनाक : 2500 के लिए नहीं मिल रही दो गज जमीन
सीतामढ़ी : चार दिनों से सदर अस्पताल परिसर स्थित शव अंतह परीक्षण भवन में पड़ा है लावारिस महिला का शव. दो गज जमीन दफन होने के लिए नहीं मिल रही है. गरमी की मौसम व फ्रिजर के अभाव में महिला के शव से दुर्गंध आने लगी है. प्रभात पड़ताल में मानवता को शर्मसार कर देनेवाले […]
सीतामढ़ी : चार दिनों से सदर अस्पताल परिसर स्थित शव अंतह परीक्षण भवन में पड़ा है लावारिस महिला का शव. दो गज जमीन दफन होने के लिए नहीं मिल रही है. गरमी की मौसम व फ्रिजर के अभाव में महिला के शव से दुर्गंध आने लगी है. प्रभात पड़ताल में मानवता को शर्मसार कर देनेवाले इस मामले ने पूरे सरकारी सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.
राजा को चौकीदार पर नहीं आ रहा रहम. जिले के रून्नीसैदपुर थाना अंतर्गत मोरसंड बाजार के समीप सड़क दुर्घटना में गत 16 अप्रैल को एक महिला की मौत हो गयी. पोस्टमार्टम के बाद शव की पहचान के लिए उसे दफन करने के लिए थाना के दो चौकीदार मुक्तिधाम के राजा (शव को जलाने व दफानाने वाला) के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं, लेकिन राजा का दिल नहीं पिघल रहा है.
राजा पांच हजार रुपये की मांग कर रहा है और चौकीदार के पास देने के लिए थानाध्यक्ष से एक हजार रुपये मिले हैं. राजा के पास पहुंच कर बार-बार चौकीदार के आरजू-मिन्नत करने पर 25 सौ रुपये में महिला के शव को दफनाने के लिए राजा तैयार होता है. हालांकि चौकीदार उतना देने में भी अपने आप को असक्षम बताता है.
महिला के शव से आ रही दुर्गंध
नियमानुसार पहचान के लिए 72 घंटे तक शव को फ्रिजर में रखने का प्रावधान है. शव अंतह परीक्षण भवन में फ्रिजर भी नहीं है. तीन दिनों तक रखने के बाद शव की दुर्दशा का अंदाजा हर कोई लगा सकता है. महिला के शव को 16 अप्रैल की सुबह आठ बजे लाने के बाद 19 की सुबह आठ बजे समाप्त हो जाता है. चौकीदार शत्रुघ्न पासवान व रामेश्वर पंडित के अनुसार सुबह में समय समाप्त होने के कारण वे लोग एक दिन पूर्व 18 अप्रैल की शाम से मुक्तिधाम के राजा को एक हजार रुपये देकर मनाने का प्रयास कर रहे थे. थानाध्यक्ष से उन्हें एक हजार रुपये प्राप्त हुये हैं. वे लोग खुद भूख-प्यास से व्याकुल हो रहा है. समाचार लिखे जाने तक दोनों चौकीदार आरजू-मिन्नत कर शव दफनाने का प्रयास कर रहे थे.