जानकी जन्मोत्सव : रे सखी मंगल गाओ रे, आज जानकी का जन्म दिवस है…

सीतामढ़ी: सीताजी के जन्मोत्सव के अवसर पर सीतामढ़ी की इस दिव्य हृदय स्थली पुनौरा धाम से बिहार समेत संपूर्ण भारतवासियों व सनातनियों को मिथिला एवं अवध की ओर से शुभकामनाएं देता हूं. आज से एक करोड़ 85 लाख 50 हजार 191 वर्ष पूर्व इसी पुण्य धरती पर मिथिला की लाडली सीता का प्राकट्य हुआ था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2018 8:32 AM
सीतामढ़ी: सीताजी के जन्मोत्सव के अवसर पर सीतामढ़ी की इस दिव्य हृदय स्थली पुनौरा धाम से बिहार समेत संपूर्ण भारतवासियों व सनातनियों को मिथिला एवं अवध की ओर से शुभकामनाएं देता हूं. आज से एक करोड़ 85 लाख 50 हजार 191 वर्ष पूर्व इसी पुण्य धरती पर मिथिला की लाडली सीता का प्राकट्य हुआ था. आज बिहार समेत पूरे भारतवर्ष में जानकी जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. सीताजी की अष्ट सखी की कथा को इस साल पूरी नहीं कर सके.
अगले साल इसे पूरा करेंगे. तब तक सीताजी का बाल मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा. उद्घाटन के लिए फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुलायेंगे. अगले साल जानकी जन्मोत्सव पर हो सकता है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी बुलायेंगे. उक्त बातें पुण्य श्री पुनौरा धाम के सीता प्रेक्षागृह में आयोजित दिव्य श्री रामकथा के अष्टम व समापन सत्र के दौरान कथा प्रारंभ करने से पूर्व पद्मविभूषण लसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कहीं.
इसके बाद जगद्गुरु ने जानकी जन्मोत्सव के पावन अवसर पर पुनौरा धाम में उपस्थित हजारों श्रोताओं समेत शुभ चैनल के माध्यम से कथा श्रवण कर रहे लाखों श्रद्धालुओं को भजनानंद की सागर में डुबोते हुए ‘रे सखी मंगल गाओ रे, आज मां जानकी का जन्म दिवस है’ भजन सुना कर जनमानस को जानकी जन्मोत्सव की शुभकामनाएं दीं.
सीताजी नीति हैं और नीति जिसकी स्वामी वही नीतीश
सीतामढ़ी : जानकी जी की अष्ट सखियों में तीसरी सखी हेमा की कथा सुनाने के दौरान कथा मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव समेत अन्य कई मंत्री, सांसद व विधायक उपस्थित हुए. मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री व सांसद-विधायक ने जगद्गुरु का चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया.
जगद्गुरु ने सीएम को यशस्वी होने का आशीर्वाद प्रदान करते हुए अपने गले से पुष्प माला निकाल कर सीएम को पहनाया. जगद्गुरु ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश बाबू भगवान राम धर्म हैं व भगवती सीताजी नीति हैं. धर्म का प्राकट्य अयोध्या में हुआ और नीति का प्राकट्य मिथिला की पावन भूमि सीतामढ़ी पुनौरा धाम में हुआ. नीति जिसकी स्वामी, वही नीतीश.
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पुनौरा से हुआ था शुरू
जगद्गुरु ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का आरंभ इसी पुनौरा धाम से हुआ. सारे शास्त्रों में प्रमाण ढूंढ़ा. इसी पुनौरा में सीताजी का प्राकट्य हुआ. यहीं हलेष्ठि यज्ञ कर जनक जी हल चलाये, जिसके बाद सीता जी स्वयं सिंहासन पर प्रकट हुई. जगद्गुरु ने कहा कि रा का अर्थ राष्ट्र व म का अर्थ मंगल होता है.
रामजी राष्ट्र के मंगल हैं. सारे राष्ट्र को एकसूत्र में बांधकर रखती है वह सीता है. मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने पुनौरा धाम में विगत वर्ष जगद्गुरु द्वारा कही गयी कथा ‘मानस में युगल गीत’ का विमोचन भी किया. जगद्गुरु ने ‘बाजल पुनौरा में बधाई गे माई, सीता प्रकट भेल आई’ भजन के साथ दिव्य श्री रामकथा का समापन किया.

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