सीतामढ़ी : बिहारमें सीतामढ़ीके रीगा में सीमा के साथ धीरज अब अपने घर पर रहने लगा है. हालांकि, किसी अनहोनी की आशंका से अब भी सहमा हुआ है. इस हद तक कि सुरक्षा के लिए उसे पुलिस की शरण में जाना पड़ा है. पुलिस ने दंपति को सुरक्षा देने की बात कही है. गौरतलब है कि गांव के कुछ लोगों को धीरज व सीमा की शादी पच नहीं रहा है. वे लोग दंपति को तरह-तरह की धमकी दे रहे है.
खबर छपने के बाद गये घर
गौरतलब है कि उक्त दंपति की बावत 26 अप्रैल को प्रभात खबर में ‘नव दंपति को एक साल तक गांव नहीं लौटने का फरमान’ शीर्षक से खबर छपी थी. गांव के कुछ पंचों की धमकी के बावजूद 28 अप्रैल को सीमा को लेकर धीरज अपने रामनगरा गांव स्थित घर पहुंचा. माता-पिता से आशीर्वाद लिया और रहने लगा. तब तक उसे लगा था कि पंचों व गांव के कुछ लोगों का गुस्सा शांत हो गया होगा और उसे परेशानी नहीं होगी. यह सोच उसकी गलतफहमी निकली.
फिर मिली गांव छोड़ने की धमकी
इस दंपति को धमकी मिलना बंद नहीं हुआ है. उसे गांव से बाहर चले जाने, अन्यथा जान से मारने की धमकी दी गयी है. तब धीरज पुलिस की शरण में गया है. उसने स्थानीय थाना में एक आवेदन देकर पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी है. बताया है कि नंदन कुमार, चंदन कुमार, सखीचंद ठाकुर, प्रमोद ठाकुर, रामबली ठाकुर, रामबाबू ठाकुर व श्यामबाबू ठाकुर द्वारा उसे उक्त धमकी दी गयी है. धीरज ने पुलिस से उक्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही सुरक्षा की गुहार लगायी है.
तब धीरज ने सीमा को अपनाया
बता दें कि 18 मई 17 को सीमा की शादी रामनगरा गांव में हुई थी. शादी के छह माह पूरे भी नहीं हुए थे कि सीमा को पति से अनबन हो गया और दोनों ने संबंध खत्म कर लिया. तब पड़ोस के धीरज ने सीमा को अपना बनानेका ठान लिया. इसकी भनक गांव के कुछ लोगों को लग गयी. ग्रामीणों ने विरोध के बाद भी जानकी स्थान, सीतामढ़ी में धीरज व सीमा शादी कर लिये. तब ग्रामीणों ने फरमान जारी किया कि उक्त दंपति को अगले एक वर्ष तक गांव में नहीं लौटे. अगर लौटता है तो 25 हजार आर्थिक दंड लगेगा. इस धमकी के बावजूद सीमा को लेकर धीरज गांव चला गया. थानाध्यक्ष ललन कुमार ने बताया कि दंपति को सुरक्षा दी जायेगी. उसे परेशान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
धीरज व सीमा की शादी से गांव के पंच नहीं है खुश
धीरज व सीमा की शादी से गांव के कुछ लोग खुश नहीं है. उन्हें यह शादी नागवार लग रहा है. ग्रामीण पंच उक्त शादी से इतना खफा है कि एक कड़ा फरमान तक जारी कर दिया. नव दंपति को शादी के एक साल बाद तक गांव में नहीं आने का फरमान सुनाया गया. इस बीच गांव लौटने पर 25 हजार आर्थिक दंड भरना होगा. यह मामला सुनने में कुछ अटपटा लग रहा होगा, पर सच्चाई है. पंचों के डर से धीरज व सीमा गांव में नहीं, बल्कि एक रिश्तेदार के यहां रह रहे है.
क्या है पूरा मामला
प्रखंड के रमनगरा गांव रामबाबू ठाकुर के पुत्र चंदन ठाकुर व शिवहर जिला के पिपराही थाना क्षेत्र के मीनापुर बलहा के राधेश्याम ठाकुर की पुत्री सीमा कुमारी की शादी हुई थी. यह बात 18 मई 17 की है. किसी बात को लेकर दोनों के बीच मनमुटाव हो गया. शादी का छह माह भी पूरा नहीं हुआ था कि दोनों ने एक-दूसरे को अलविदा कहने का निर्णय ले लिया. गांव के कुछ लोगों को पंच माना गया. पंचों ने दोनों के पिता को बुलाया और शादी के खर्च का हिसाब-किताब करने के साथ ही दोनों परिवार को स्वतंत्र कर दिया गया. यह बात 20 नवंबर 17 की है.
तब धीरज ने उठाया साहसिक कदम
कुछ दिनों बाद रमनगरा गांव के ही विगु ठाकुर का पुत्र धीरज ने साहसिक कदम उठाया. उसने नीतीश सरकार के दहेज विरोधी कानून के समर्थन में सीमा से शादी करने का निर्णय लिया. सीमा के पिता इसके लिए सहमत हो गये, पर गांव के पंच नहीं चाहते थे कि धीरज व सीमा की शादी हो. पंच विरोध करने लगे. तब दोनों ने सीतामढ़ी शहर स्थित जानकी मंदिर में मां जानकी को साक्षी मानकर शादी कर ली. कोर्ट से भी शादी का निबंधन करा लिया. दोनों बालिग है. धीरज ने बताया कि पंचों के खौफ से वह रीगा में ही एक संबंधी के यहां रह रहा है. उसके पिता उसे घर पर रखना चाहते है, पर पंच से डर रहे है.
क्या है पंच का फरमान
शादी के बाद गांव के पंचों ने बैठक कर कई निर्णय लिए है. निर्णय हुआ है कि समाज का कोई लड़का आपस में विवाद करता है तो दोषी के खिलाफ 51 सौ रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा. आर्थिक दंड की राशि बढ़ाई भी जा सकती है. सभी अभिभावकों को इस पर गौर करने को कहा गया है. नव दंपति धीरज व सीमा को एक साल तक गांव में नहीं आने की हिदायत दी गयी है. फरमान में कहा गया है कि निर्धारित अवधि से पहले लौटने पर 25 हजार जुर्माना भरना होगा.