एसपी से शिकायत पर थानेदार ने खोया आपा

सीतामढ़ीः शिकायत पर किस तरह से पुलिसवालों का पारा चढ़ता है. ये देखने को मिला रीगा थानाध्यक्ष राकेश गोसाई के तेवर को देख कर. थानाध्यक्ष ने सिर्फ इसलिए एक मृतक के बेटे को भला-बुरा कहा, क्योंकि उसने उनकी कार्यशैली के खिलाफ एसपी के जनता दरबार में शिकायत दर्ज करा दी. बस क्या था, थानाध्यक्ष महोदय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2014 5:40 AM

सीतामढ़ीः शिकायत पर किस तरह से पुलिसवालों का पारा चढ़ता है. ये देखने को मिला रीगा थानाध्यक्ष राकेश गोसाई के तेवर को देख कर. थानाध्यक्ष ने सिर्फ इसलिए एक मृतक के बेटे को भला-बुरा कहा, क्योंकि उसने उनकी कार्यशैली के खिलाफ एसपी के जनता दरबार में शिकायत दर्ज करा दी. बस क्या था, थानाध्यक्ष महोदय का पारा चढ़ गया और उन्होंने फोन पर पीड़ित की जम कर क्लास लगा दी. ये पूरी बातचीत पीड़ित ने रिकार्ड कर ली है. हालांकि बाद में थानाध्यक्ष सफाई देते फिर रहे हैं.

मामला रीगा थाना क्षेत्र के हरिहरपुर गांव का है, जहां के रहनेवाले पप्पू यादव के पिता देव नारायण राय 24 जनवरी को कामेश्वर राय के घर बकाया मांगने गये थे. इसी दौरान पैसों को लेकर कुछ कहासुनी हुई. इस पर कामेश्वर राय, मुकेश राय, राम ईश्वर राय व रूप लाल राय पर आरोप है कि इन्होंने रॉड व लाठी से देव नारायण पर वार किया. इससे वे गंभीर रूप से घायल हो गये. इलाज के दौरान 31 जनवरी को पीएमसीएच में देव नारायण की मौत हो गयी. एक फरवरी को पीरबहोर थाने में पुलिस ने पप्पू का बयान दर्ज किया.

इसी के आधार पर लगभग सवा महीने बाद 11 मार्च को रीगा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. मामला दर्ज करानेवाले पप्पू का आरोप है, जांच अधिकारी ने लगभग एक माह तक मामले को दबाये रखा, जब भी वह इस सिलसिले में थाने जाते थे, तब उन्हें वहां से भगा दिया जाता था. इस बीच आरोपित खुलआम गांव में घूम रहे हैं, जो उस पर मामले में सुलह का दबाव दे रहे हैं. समझौता नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. 22 मई तक आरोपितों की गिरफ्तारी तो दूर, कोई पुलिस अधिकारी मौके पर जांच तक के लिए नहीं गया था. थाने के ढुलमुल रवैये को देखते हुये पप्पू ने 22 मई को एसपी पंकज सिन्हा के जनता दरबार में अर्जी लगायी, जिस पर एसपी ने जांच के जिम्मा सदर डीएसपी को सौप दिया. इसी से थानाध्यक्ष महोदय नाराज हो गये.

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