बिहार : सीतामढ़ी कोर्ट परिसर में गैंगस्टर संतोष झा पर अंधाधुंध फायरिंग, मौत
सीतामढ़ी : बिहारके दरभंगा में चर्चित इंजीनियरडबलमर्डर केसमेंमुख्यआरोपी संतोष झा की सीतामढ़ीकोर्ट परिसर में गोली मारकरहत्या कर दी गयी. गोली चलने से सीजेएम कोर्ट में अफरातफरी मच गयी. संतोष झा को कोर्ट में आज पेशी के लाया गया था, जहां पहले से घात लगाये अपराधियों नेअंधाधुंध फायरिंगकरते हुए संतोष झा के सिर और सिने में […]
सीतामढ़ी : बिहारके दरभंगा में चर्चित इंजीनियरडबलमर्डर केसमेंमुख्यआरोपी संतोष झा की सीतामढ़ीकोर्ट परिसर में गोली मारकरहत्या कर दी गयी. गोली चलने से सीजेएम कोर्ट में अफरातफरी मच गयी. संतोष झा को कोर्ट में आज पेशी के लाया गया था, जहां पहले से घात लगाये अपराधियों नेअंधाधुंध फायरिंगकरते हुए संतोष झा के सिर और सिने में गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. बाद में इलाज के दौरान संतोष झा की मौत हो गयी. वहीं जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में दो हमलावरों को गिरफ्तार किया है. पुलिस इस मामले में अन्य अपराधियों की तलाशमेंजुटी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपराधियों द्वारा करीब 20 राउंड फायरिंग किये जाने के दौरान सीजेएम कोर्ट का एक चपरासी भी घायल हो गया. पेशी के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संतोष झा को सीतामढ़ी जेल से ही लाया गया था प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो संतोष झा पर हमला करने के बाद एक हमलावर फायरिंग करते हुए कोर्ट परिसर से फरार हो गया.वहींगोली लगने के बाद संतोषझा को तत्काल इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गयी. पिछले दिनों संतोष झा को सीतामढ़ी जेल में यहां के मुकदमों की सुनवाई को लेकर लाया गया था. कुछ दिनों पूर्व मोतिहारी में भी इसी के गैंग के सदस्य की कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
बता दें कि दरभंगाकेचर्चित इंजीनियर मुकेश कुमार व ब्रजेश कुमार की हत्या के मामले गैंगस्टर संतोष झा व मुकेश पाठक सहित दस अभियुक्तों को अदालत ने दोषी करार दिया था. संतोष झा गिरोह ने रंगदारी नहीं देने पर सड़क निर्माण कंपनी के दो अभियंताओं को दिनदहाड़े एके- 56 से भून दिया था. जिसमें कंपनी के इंजीनियर मुकेश कुमार तथा ब्रजेश कुमार की मौत हो गयी थी. इसके बाद पुलिसिया कार्रवाई शुरू हुई और अंतत: पुलिस तथा एसटीएफ की टीम ने पूरे गैंग को दबोच लिया था.
कुख्यात संतोष झा पर हत्या, अपहरण, लूट और रंगदारी कुल 32 मामले दर्ज थे. ज्यादातर मामलों में उसे जमानत मिल चुकी थी. चार महीने में पांच बड़े मामलों में वह बड़ी हुआ था. संतोष झा पर जेल से रंगदारी मांगने का आरोप है. वह जेल से ठेकेदारों को फोन करता था और टेंडर नहीं डालने का दबाव बनाता था. शिवहर में निजी बिलजी कंपनी के इंजीनियर की हत्या का भी आरोप लगा था.