सीतामढ़ी कोर्ट परिसर में संतोष झा की हत्या मामला : संतोष व मुकेश में दरभंगा से ही चल रहा था मनमुटाव व अनबन
मोतिहारी : सीतामढ़ी कोर्ट परिसर में संतोष झा की हत्या के बाद जेल में बंद मुकेश पाठक के गुर्गे का नाम उछला है. मुकेश पाठक और संतोष झा में दरभंगा से ही अनबन चल रही है. दरभंगा जेल में मुकेश व संतोष में कई बार नोक-झोंक भी हुई थी. वह आज संतोष झा के हत्या […]
मोतिहारी : सीतामढ़ी कोर्ट परिसर में संतोष झा की हत्या के बाद जेल में बंद मुकेश पाठक के गुर्गे का नाम उछला है. मुकेश पाठक और संतोष झा में दरभंगा से ही अनबन चल रही है. दरभंगा जेल में मुकेश व संतोष में कई बार नोक-झोंक भी हुई थी. वह आज संतोष झा के हत्या के रूप में सामने आया है.
सूत्रों के अनुसार अभिषेक को भगाने के पीछे की योजना संतोष झा की हत्या की थी. लेकिन भगाने आये अपराधियों में एक संतोष झा के नेटवर्क में था, जो अभिषेक की हत्या कर दी. मामला जांच का विषय है. दरभंगा जेल में जब दोनों के बीच नोंक-झोंक हुई थी तो अभिषेक झा शातिर मुकेश के पक्ष में खड़ा हुआ था. ये सब घटनाएं भी अभिषेक झा व संतोष झा की हत्या की कड़ी मान पुलिस जांच कर रही है. अभिषेक की हत्या 16 जुलाई को ढाका कोर्ट परिसर में कर दी गयी थी. मुकेश पाठक अपनी पत्नी की हत्या का बदला लेने के लिए 08 मई 2003 को अपने चचेरे भाई प्रेमनाथ पाठक की हत्या कर अपराध के दुनिया मे कदम रखा.
जेल जाने के बाद जमानत पर बाहर आया तो दूसरी बड़ी वारदात मेहसी प्रखंड के हरपुरनाग पंचायत के तत्कालीन मुखिया सुषमा देवी के पति चुन्नू ठाकुर की हत्या कर सुर्खियों में आ गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पत्नी की हत्या 04 मार्च 2003 में कर दी गयी थी, जिसमे हत्या करने वाले लोगो ने हत्या कर उल्टे मुकेश पाठक का नाम प्रचारित कर दिया. जिसमें चचेरे भाई प्रेमनाथ पाठक की हत्या बदला लेने के लिए कर दी.
पत्नी रीता ने दी मुखाग्नि
पुरनहिया : संतोष झा को मुखाग्नि उनकी पत्नी रीता देवी ने दी. इसी के साथ संतोष झा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. पिता के शव को देखते ही बेटी सोनम ने झपट कर हिलाने लगी आैर रोते हुए बोली…पापा उठो न, अब किसके सहारे रहेंगे, अब कौन हम लोगों की देखभाल करेगा. उठो न पापा, कह कर फिर रोने लगी. बड़ी बेटी सोनम अपने पिता के शव को देखकर लगातार रोये जा रही थी.