सीतामढ़ी : जिले की एक अदालत में केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयान पर उनके खिलाफ गुरुवार को एक परिवाद पत्र दायर किया गया. अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सरोज कुमारी की अदालत में स्मृति इरानी और महिलाओं के प्रवेश के विरोध में उक्त मंदिर के सामने प्रदर्शन कर रहे अज्ञात लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 295 ए, 353, 124 ए, 120 बी आदि के तहत परिवाद पत्र दायर किया है.
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अधिवक्ता सिंह ने अपने परिवाद में आरोप लगाया कि स्मृति ईरानी का पूरी नारी जाति को अपवित्र कहना महिलाओं की मर्यादा के खिलाफ और यह उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनादर है. उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग के महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी थी, लेकिन न्यायालय के फैसले का विरोध हो रहा है. ईरानी ने इसको लेकर बयान दिया था कि अगर आप माहवारी के दिनों में खून से सना सिनेटरी नैपकिन लेकर अपने दोस्तों के घर नहीं जा सकते हैं, उस हालत में मंदिरों में भी नहीं जाना चाहिए. सबरीमला मंदिर की पुरानी परंपरा के अनुसार 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी.
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