मरीजों का क्या होगा इलाज, खुद बीमारी से जूझ रहा सदर अस्पताल

शिकायत सुनने के लिए अस्पताल प्रबंधक भी स्थायी नहीं सीतामढ़ी : दूसरों को इलाज करने के बदले खुद बीमारी से सदर अस्पताल जूझ रहा है. समय-समय पर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के औचक निरीक्षण के बाद दिखाया गया सब्जबाग पूरी तरह छलावा साबित हो रहा है. सोमवार को प्रभात पड़ताल में पुन: यह सामने आया कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2019 1:43 AM

शिकायत सुनने के लिए अस्पताल प्रबंधक भी स्थायी नहीं

सीतामढ़ी : दूसरों को इलाज करने के बदले खुद बीमारी से सदर अस्पताल जूझ रहा है. समय-समय पर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के औचक निरीक्षण के बाद दिखाया गया सब्जबाग पूरी तरह छलावा साबित हो रहा है.
सोमवार को प्रभात पड़ताल में पुन: यह सामने आया कि शासन बदले, सत्ता बदले या बदले अधिकारी, पर नही बदल रही सदर अस्पताल की कार्यप्रणाली. पूरी व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है. मरीजों की शिकायत सुनने के लिए अस्पताल प्रबंधक तक स्थायी नही है. मोतिहारी के प्रभार में रहने वाले अस्पताल प्रबंधक विजय चंद्र झा को यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
इमरजेंसी वार्ड : सुबह 8.35 से 9.45 तक इमरेजेंसी वार्ड में मात्र एक चिकित्सक मौजूद थे. वार्ड के किसी बेड पर चादर नहीं था. रविवार की रात सीना दर्द की शिकायत लेकर बथनाहा थाना के मैवी निवासी कमलेश कुमार समेत दो मरीज भरती थे. जिन्होंने समुचित इलाज को लेकर असंतोष प्रकट किया.
जांच केंद्र: दवा काउंटर से लेकर अधिकांश जांच केंद्र व चिकित्सकों का कमरा संख्या 4, 9, 13, 18, 20 व 40 9.45 बजे तक बंद था. दूर-दराज से पहुंचे जांच केंद्र खुलने का सवाल लेकर इधर-उधर भटक रहे थे, लेकिन संतोषजनक जवाब देने वाला कोई नहीं था. उपाधीक्षक कार्यालय भी बंद था. अस्पताल प्रबंधक मोतिहारी अस्पताल में ड्यूटी पर थे.
शिशु ओपीडी: रूम नंबर 18 के सामने परेशान हाल में एक महिला बच्चे को गोद लेकर इधर-उधर देख रही थी. पूछने पर बतायी कि उसके बच्चे आदिल की तबियत खराब है. पता नहीं डॉक्टर साहब कह आयेंगे. वही मेजरगंज थाना के रतनपुर गांव की सोहा खातून ने बताया कि बच्चे को दिखा कर वापस घर लौटना है. पता नहीं समय पर घर लौट पायेगी कि नहीं.
आयुर्वेदिक विभाग: 10 बजे तक आयुर्वेदिक विभाग बंद था. कोई कर्मी भी आसपास में नहीं था. सहियारा थाना के विशनपुर व मेहसौल की गायत्री देवी व सोनी खातून ने बताया कि आठ बजे से खड़ी है.
सर्जिकल व प्रसव वार्ड : सबसे बदतर स्थिति प्रसव व सर्जिकल वार्ड की दिख रही थी. किसी बेड पर चादर नहीं था. कई मरीज जमीन पर चादर बिछा कर बैठे थे.

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