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कलश स्थापना के साथ चैत्र नवरात्र का हुअा शुभारंभ

हिंदू नववर्ष आज आज से दुर्गा पूजा का हो रहा शुभारंभ कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की होगी पूजा-अर्चना सीतामढ़ी : शनिवार को विश्व भर में हिंदू नववर्ष मनाया जाएगा. कई दिनों से सोशल मीडिया के माध्यम से लोग एक-दूसरे को हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएं दे रहे हैं. सदियों […]

हिंदू नववर्ष आज

आज से दुर्गा पूजा का हो रहा शुभारंभ
कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की होगी पूजा-अर्चना
सीतामढ़ी : शनिवार को विश्व भर में हिंदू नववर्ष मनाया जाएगा. कई दिनों से सोशल मीडिया के माध्यम से लोग एक-दूसरे को हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएं दे रहे हैं. सदियों से हिंदू नववर्ष की शुभ तिथि को ही चैत्र नवरात्र का भी शुभारंभ होता है. अत: आज से चैत्र नवरात्र का भी शुभारंभ हो रहा है. इसको लेकर जिले भर में अनेक प्रकार की तैयारियां की गयी है. जिले के दर्जनों गांवों में आकर्षक पूजा-पंडाल का निर्माण करा दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. शनिवार को कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-आराधना की जाएगी. चैत्र नवरात्र को लेकर जिले के हजारों श्रद्धालु भक्त आज से उपवास रखकर नवरात्र का व्रत रखेंगे.
निष्ठा के साथ मां दुर्गा की आराधना काफी फायदेमंद : शास्त्रों के अनुसार वर्ष में कुल चार नवरात्र होते हैं. दो गुप्त, तीसरे शारदीय व चौथे चैत्र नवरात्र. गुप्त नवरात्र के बारे में कम ही लोग जानते हैं, लेकिन आश्विन माह में होने वाले शारदीय नवरात्र व चैत्र मास में होने वाले वासंतिक नवरात्र का महत्व अधिक माना गया है. माना जाता है कि चैत्र नवरात्र के दौरान नियम-निष्ठा के साथ मां दुर्गा की आराधना एवं पूजन-हवन करना काफी फायदेमंद होता है. इस समय मौसम में परिवर्तन होता है और मनुष्य बीमारियों की चपेट में आकर परेशान हो जाता है, इसलिए इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए चैत्र नवरात्र का व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है. नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्र देवी दुर्गा व उनके नौ स्वरूपों को समर्पित है.
सृष्टि की आयु एक अरब 95 करोड़ 58 लाख वर्ष:
सीतामढ़ी : ज्योतिष गणना के अनुसार सृष्टि की पूर्ण आयु सात अरब 32 करोड़ वर्ष निर्धारित है, जिसमें 18 मार्च 2018 को सृष्टि की गतायु एक अरब 95 करोड़ 58 लाख 85 हजार 119 वर्ष की हो जाएगी. इस प्रकार सृष्टि की भोग्य आयु वर्तमान तिथि से दो अरब 36 करोड़ 41 लाख 14 हजार 881 वर्ष शेष रह जाएगा. जैसे: कलयुग की आयु चार लाख 32 हजार वर्ष, द्वापर की आयु आठ लाख 64 हजार वर्ष, त्रेता की आयु 12 लाख 86 हजार वर्ष एवं सतयुग की आयु 17 लाख 28 हजार वर्ष निश्चित है. इसमें कलयुग की आयु वर्तमान में 5 हजार 119 वर्ष व्यतीत होकर शेष चार लाख 26 हजार 881 वर्ष अभी बांकी है.

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