मुखिया पर गबन का केस दर्ज

कौड़िया लालपुर पंचायत मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना राशि में घपला जदयू पंचायत अध्यक्ष जलेश्वर ने सीजेएम कोर्ट में दायर किया था परिवाद रून्नीसैदपुर : थाना क्षेत्र के कौड़िया लालपुर पंचायत में सात निश्चय योजना के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना की राशि के गबन के आरोप में मुखिया अवधेश साह के विरुद्ध थाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2019 12:44 AM

कौड़िया लालपुर पंचायत

मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना राशि में घपला

जदयू पंचायत अध्यक्ष जलेश्वर ने सीजेएम कोर्ट में दायर किया था परिवाद

रून्नीसैदपुर : थाना क्षेत्र के कौड़िया लालपुर पंचायत में सात निश्चय योजना के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना की राशि के गबन के आरोप में मुखिया अवधेश साह के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

पंचायत जदयू अध्यक्ष व धनहरा गांव निवासी जलेश्वर कुमार यादव ने सीजेएम के न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल कर न्याय की गुहार लगायी थी. सीजेएम ने थाना को परिवाद पत्र के आलोक में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके आलोक में कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है.

प्राथमिकी में कहा है कि हर घर नल जल योजना के तहत ग्राम पंचायत में गठित वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में पंचायत के मुखिया एवं सचिव के द्वारा पैसा भेजा जाता है. वार्ड सदस्य वार्ड में गठित वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति की सहमति से कार्य करते हैं. चेक के माध्यम से पैसे का भुगतान होता है. नियमावली के अनुसार मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत किसी भी कार्य के लिए अग्रिम राशि के भुगतान का प्रावधान नहीं है.

पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य या उनके परिवार का कोई भी सदस्य इस योजना के तहत कार्य नहीं कर सकता है. इस योजना के तहत वार्ड संख्या एक के खाते में पांच मार्च 2018 को आठ लाख 18 हजार 549 रुपये व पांच नवंबर 2018 को पांच लाख 45 हजार 700 रुपये, वार्ड संख्या 3 के खाते में 12 जून 2018 को छह लाख 50 हजार रुपये व पांच नवंबर 2018 को पांच लाख छह हजार 429 रुपये, वार्ड संख्या 4 के खाते में 19 फरवरी 2018 को सात लाख 28 हजार 569 रुपये व पांच नवंबर 2018 को चार लाख 85 हजार 713 रुपये, वार्ड संख्या 6 के खाते में 19 फरवरी 2018 को छह लाख 98 हजार 441 रुपये व पांच नवंबर 2018 को चार लाख 65 हजार 628 रुपये भेजे गये. सभी मानकों को पूरा करते हुए तीन माह के भीतर कार्य को पूरा करना था, किंतु अभी तक कार्य पूरा नहीं हो सका है.

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