चूना को सीमेंट की बोरी में देख जतायी नाराजगी

नगर विधायक व पूर्व युवा जदयू जिलाध्यक्ष ने की थी शिकायत सदर अस्पताल के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, डुमरा की जांच सीतामढ़ी :डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा के आदेश पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग में कथित चूना घोटाला की जांच करने अपर समाहर्ता अवधेश राम सदर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने सदर अस्पताल में चूना के बोरी का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2019 12:34 AM

नगर विधायक व पूर्व युवा जदयू जिलाध्यक्ष ने की थी शिकायत

सदर अस्पताल के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, डुमरा की जांच
सीतामढ़ी :डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा के आदेश पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग में कथित चूना घोटाला की जांच करने अपर समाहर्ता अवधेश राम सदर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने सदर अस्पताल में चूना के बोरी का निरीक्षण कर उसका वजन कराया.
इस दौरान चूना घोटाले की शिकायतकर्ता के रूप में नगर विधायक सुनील कुमार कुशवाहा व शिवहर जिला के युवा जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष विशाल गौरव भी मौजूद थे. दोनों शिकायिर्ताकर्ता ने जांच अधिकारी से कहा कि पूर्व की शिकायत को ध्यान में रखते हुए विभाग के संलिप्त अधिकारी व कर्मियों ने सदर अस्पताल में चूना के बोरी को बदल दिया है. अगर सच जानना हैं तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रखे बोरी का निरीक्षण करें. दोनों के आग्रह पर जांच अधिकारी पीएचसी, डुमरा पहुंचे.
वहां उन्होंने चूना के बोरी का निरीक्षण करते हुए वजन कराया. इस दौरान चूना को लफार्ज, एसीसी, अल्ट्राटेक व नागार्जुन कंपनी के सीमेंट के बोरी में देखकर जांच अधिकारी के चेहरे का भाव बदला. अधिकांश बोरी पर वजन तक नहीं लिखा हुआ था. हालांकि जांच की गोपनीयता को बनाये रखने के लिए उन्होंने किसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की. लेकिन यह देखकर वह कुछ पल के लिए अवाक रह गये. शायद वह खुद समझ नहीं पा रहे थे कि चूना के किसी ब्रांडेड कंपनी की बोरी नहीं होकर सिमेंट कंपनी की क्यों हैं?
175 की बोरी खरीदा गया 450 में: गौरतलब हो कि विधायक व पूर्व जिलाध्यक्ष ने डीएम को एक आवेदन देकर बताया था कि निवेदन समिति के अध्यक्ष सह राजद नेता भाई विरेंद्र द्वारा सदर अस्पताल के दवा व चूना भंडार का औचक निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान चूना तौलने पर बोरी में 10 से 12 किलो कम पाया गया.
बाद में बाजार में भौतिक सत्यापन करने पर सामने आया कि 25 किलो प्रति बोरी का 175 रुपये पाया गया. जबकि उसे 450 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से खरीदा गया. इसमें अधिकतर बोरी सिमेंट की थी, जो ब्रांडेड कंपनी की होनी चाहिए थी. भंडारित सभी बोरियां गुणवत्ताविहीन है.

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