सड़कों पर कचरे का ढेर, लोग परेशान
प्रतिदिन कई क्विंटल कचरा सड़कों पर फेंकते हैं शहर के लोग सीतामढ़ी : पूरे देश में गांधी जी की 150वीं जयंती मनायी जा रही है. शहर में भी कई संगठनों द्वारा गांधी जी की जयंती मनायी गयी. सभी समारोहों में वक्ताओं द्वारा गांधी जी को याद करते हुए स्वच्छता पर जोर दिया जाता है. अधिकारी […]
प्रतिदिन कई क्विंटल कचरा सड़कों पर फेंकते हैं शहर के लोग
सीतामढ़ी : पूरे देश में गांधी जी की 150वीं जयंती मनायी जा रही है. शहर में भी कई संगठनों द्वारा गांधी जी की जयंती मनायी गयी. सभी समारोहों में वक्ताओं द्वारा गांधी जी को याद करते हुए स्वच्छता पर जोर दिया जाता है.
अधिकारी हो, जनप्रतिनिधि हो या कथित सामाजिक कार्यकर्ता, कार्यक्रमों के दौरान सभी स्वच्छता की बड़ी-बड़ी बातें करते मिल जाते हैं. नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड पार्षदों व कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा भी शहर में स्वच्छता को लेकर दावे किये जाते हैं, लेकिन शहर की सड़कों पर गंदगी का अंबार देखकर किसी को भी नगर परिषद प्रशासन के दावे पर हंसी आएगी.
हाल यह है कि त्योहारों के इस मौसम में भी पूरा शहर कचरे व मलवे की गंदगी से पटा नजर आ रहा है. शहर की कोई ऐसी सड़क या चौक-चौराहा नहीं, जहां कचरे का ढ़ेर नहीं लगा हो. कई वर्ष पूर्व नप द्वारा लाखों खर्च कर शहर में करीब 500 से भी अधिक डस्टवीन लगाया गया था, जिसका अब कोई अता-पता नहीं है. नतीजतन, शहर के व्यवसायी समेत आम परिवारों द्वारा प्रतिदिन कई क्वींटल कचरा सड़कों पर ही डाल दिया जाता है.
कचरे के ढेर के कारण यातायात में परेशानी : आलम यह है कि शहर की कई सड़कों पर कचरा व मलवे के ढ़ेर लगने के कारण वाहनों के परिचालन समेत आम राहगीरों को भी यातायात करने में परेशानी हो रही है. लोगों को घर बनाना हो, दुकान की मरम्मतीकरण करानी हो या घर तोड़ना हो, भवन निर्माण से संबंधित सामग्रियों व मलवे को रखने का एकमात्र ठिकाना सड़क ही बना हुआ है. नप के पास दर्जनों सफाई कर्मी मौजूद है. प्रत्येक वार्ड में कम से कम दो सफाई कर्मियों की तैनाती की गयी है.
इसके अलावा अन्य सार्वजनिक स्थानों की सफाई के लिए भी सफाई कर्मी तैनात हैं, लेकिन फिर सभी हर तरफ गंदगी का ही साम्राज्य दिखाई देता है. जाहिर है कि शहर की नियमित सफाई नहीं होती है और शहर को स्वच्छ बनाये रखने को लेकर कोई खास रोडमैप अब तक नहीं बना है.