मकर संक्राति कल, तैयारी में जुटे लोग, तिलकुट बाजार में रौनक

सीतामढ़ी : सूर्य के राशि परिवर्तन के समय में अंतर आने के चलते इस बार हिंदू सनातन धर्मावलंबियों का प्रमुख त्योहारों में से एक मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जायेगा. पं कालीकांत झा के अनुसार इस बार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 15 जनवरी को हो रहा है, जिसको लेकर हिंदू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2020 1:11 AM

सीतामढ़ी : सूर्य के राशि परिवर्तन के समय में अंतर आने के चलते इस बार हिंदू सनातन धर्मावलंबियों का प्रमुख त्योहारों में से एक मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जायेगा.

पं कालीकांत झा के अनुसार इस बार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 15 जनवरी को हो रहा है, जिसको लेकर हिंदू पंचांग में इस बार मकर संक्रांति की तिथि 15 जनवरी दी गयी है. इस त्योहार को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है. मकर संक्रांति मनाने की वजह है सूर्य का राशि गोचर. जो समान्यत: जनवरी के 14 वें या 15 वें दिन में होता है. हालांकि, ज्यादातर समय इसकी तारीख 14 जनवरी को ही पड़ती है.
इसी दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश कर जाता है और खरमास की समाप्ति भी हो जाती है, जिससे एक महीने से रूके हुए मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते है. मकर संक्रांति पर्व सूर्य के मकर राशि में जाने पर मनाया जाता है. इस बार सूर्य का मकर में गोचर 15 जनवरी को होने जा रहा है, जिस लिहाज से इसी दिन मकर संक्रांति मनाना ज्यादा उचित रहेगा. अतः मकर संक्राति पर किये जाने वाले स्नान, दान आदि धार्मिक कर्मकाण्ड 15 जनवरी को हीं करना श्रेयष्कर रहेगा.
सूर्य हो जाते हैं उत्तरायण : इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं. गीता के अनुसार जो व्यक्ति उत्तरायण में शरीर का त्याग करता है, वह श्री कृष्ण के परम धाम में निवास करता है. इस दिन लोग मंदिर व अपने घर पर विशेष पूजा का आयोजन करते हैं. पुराणों में इस दिन प्रयाग व गंगासागर में स्नान का बड़ा महत्व बताया गया है, यही कारण है कि इस तिथि में स्नान व दान को विशेश पुण्यकारी माना जाता है.
शुरू हो जाता है मांगलिक आयोजन : सिंह राशि के स्वामी सूर्य ऊर्जा के कारक माने जाते हैं, जो एक राशि में करीब एक महीने तक विराजमान रहते हैं. सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने को संक्रांति कहा जाता है. वहीं, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है, जिसका हिंदू धर्म में काफी महत्व है. सूर्य का मकर में गोचर काफी शुभ माना जाता है. इस दिन से हीं पिछले एक माह से रूके हुए शादी विवाह के मुहूर्त शुरू हो जायेंगे.

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