Filed in Sitamarhi rejected : डुमरा अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज के 2000 हजार मामले लंबित

डुमरा सीओ के यहां दाखिल खारिज के 2000 मामले लंबित है. यह जानकर हर किसी को थोड़ी देर के लिए हैरानी होगी, लेकिन मामला सच है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 5, 2024 9:03 PM

Filed in Sitamarhi rejected : सीतामढ़ी. डुमरा सीओ के यहां दाखिल खारिज के 2000 मामले लंबित है. यह जानकर हर किसी को थोड़ी देर के लिए हैरानी होगी, लेकिन मामला सच है. इतनी बड़ी संख्या में दाखिल खारिज के आवेदन एक अंचल में पेंडिंग रहने का मामला पहली बार सामने आया है. काफी अधिक आवेदनों के लंबित रहने को डीसीएलआर सदर ने गंभीरता से लिया है और डुमरा सीओ से जवाब मांगा है. विभाग की भी कड़ी आपत्ति बताया गया है कि गत 21 अगस्त को पटना में राजस्व विभाग ने समीक्षा बैठक की थी, जिसमें अन्य मामलों के साथ ही दाखिल-खारिज की भी समीक्षा की गई थी. समीक्षा के क्रम में डुमरा अंचल का हाल जान कर विभागीय उच्चाधिकारी हैरान रह गए थे. पाया गया था कि डुमरा अंचल में दाखिल खारिज से संबंधित आरओ लॉगिन पर बिना किसी कारण के 2000 से अधिक मामले लंबित है. खास बात यह कि ये मामले कई माह से लंबित है. इस पर विभागीय सचिव द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई थी. — डीसीएलआर का निर्देश का नहीं कर रहे पालन गौरतलब है कि हर माह डीसीएलआर दाखिल खारिज समेत अन्य मामलों को लेकर समीक्षा बैठक करते है और उसमें सभी सीओ को आवश्यक दिशा निर्देश देते रहते है. बावजूद इतनी बड़ी संख्या में डुमरा अंचल में आवेदनों के पेंडिंग रहने से राज्य सरकार के साथ ही डीसीएलआर भी हैरान और हतप्रभ है. डीसीएलआर ने डुमरा सीओ से लंबित आवेदनों के संबंध में जवाब मांगा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि दाखिल खारिज के लंबित मामलों को लेकर डुमरा सीओ द्वारा कभी भी कोई स्पष्ट कारण नही बताया जाता है. उन्होंने पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण कार्यालय में सदेह उपस्थित होकर समर्पित करने का निर्देश दिया है. रून्नीसैदपुर के सभी राजस्व कर्मियों फंसे इधर, रून्नीसैदपुर अंचल के सभी राजस्व कर्मियों से भी जवाब मांगा गया है. दरअसल, 27 अगस्त को डीसीकेआर सदर ने अपने कार्यालय में सभी राजस्व कर्मियों की बैठक बुलाई थी. बैठक सूचना वाट्सऐप के माध्यम से दी गई थी. सूचना 17 अगस्त को ही दी गई थी. बावजूद उक्त प्रखंड के एक भी राजस्व कर्मी बैठक में शामिल नही हो सके थे. राजस्व कर्मियों की उक्त कार्यशैली को डीसीएलआर ने वरीय पदाधिकारी के आदेश के अवहेलना एवं कर्तव्यहीनता का द्योतक करार दिया है और इसको लेकर सभी राजस्व कर्मियों को कार्यालय में सदेह उपस्थित होकर जवाब समर्पित करने का निर्देश दिया है.

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