अनुसंधान व ट्रायल में कोताही बरदाश्त नहीं

सीतामढ़ी : सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद गृह विभाग ने अनुसंधान में लापरवाही या जानबूझ कर की गयी गलती के लिए अनुसंधानकर्ता पर लगाम कसी है. साथ ही वादों के संचालन में अभियोजन पदाधिकारी, लोक अभियोजक एवं अपर लोक अभियोजक के उत्तरदायित्व को समीक्षा के घेर में लाया गया है. सर्वोच्च न्यायालय का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2014 1:38 PM
सीतामढ़ी : सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद गृह विभाग ने अनुसंधान में लापरवाही या जानबूझ कर की गयी गलती के लिए अनुसंधानकर्ता पर लगाम कसी है. साथ ही वादों के संचालन में अभियोजन पदाधिकारी, लोक अभियोजक एवं अपर लोक अभियोजक के उत्तरदायित्व को समीक्षा के घेर में लाया गया है.
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश
लोक अभियोजक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पेरू मल बनाम जानकी, क्रिमिनल अपील संख्या-169/204 व गुजरात राज्य बनाम किशन भाई एवं अन्य क्रिमिनल अपील संख्या-1485/2008 में अनुसंधान एवं अभियोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश जारी किये हैं. इसके आलोक में बिहार सरकार ने न केवल अनुसंधान को गुणात्मक बनाने के लिए कई निर्देश निर्गत कर उत्तरदायित्व तय करने की दिशा में कार्रवाई की है, बल्कि जिन वादों में अभियुक्त दोष मुक्त घोषित किये जाते हैं. उनके लिए सत्र न्यायालय एवं न्यायिक दंडाधिकारी न्यायालय के लिए जिलास्तर पर अलग-अलग समितियां गठित की है.
सत्र न्यायालय द्वारा पारित दोष मुक्ति आदेशों की समीक्षा के लिए गठित समिति के लोक अभियोजक अध्यक्ष होंगे. इसी प्रकार जिला अभियोजन पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) सदस्य व अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगे. वहीं न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय द्वारा पारित दोष मुक्ति आदेशों की समीक्षा के लिए बनी समिति के अध्यक्ष जिला अभियोजन पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय सदस्य व अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगे.
राज्यस्तरीय समिति का गठन
इन समितियों द्वारा प्रेषित मामलों की समीक्षा के लिए भी पुलिस उप महानिरीक्षक अपराध अनुसंधान विभाग बिहार की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय समिति गठित की गयी है. जिसके सदस्य अवर सचिव विधि विभाग बिहार व सदस्य सचिव उप निदेशक विधि अभियोजन निदेशालय बिहार होंगे. इसी प्रकार अपने-अपने स्तर से ये समितियां समीक्षा कर अनुसंधान एवं अभियोजन में किस स्तर की चूक हुई है, यह वास्तविक चूक है या जानबूझ कर की गयी चूक है, समेत अन्य बातों की जवाबदेही सुनिश्चित करेगी.

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