बच्चों के गायब होने पर पुलिस करे प्राथमिकी

सीतामढ़ी : संस्था के प्रतिनिधियों ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि आमतौर पर बच्चे के गायब होने पर सनहा दर्ज किया जाता हैं, किंतु 24 घंटा के अंदर बरामद नहीं होने पर यह मानना चाहिए कि बच्चे का अपहरण हो गया. उसके बाद प्राथमिकी दर्ज करते हुए उनके बरामदगी की दिशा में नियमानुकूल कदम उठाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2014 11:44 AM
सीतामढ़ी : संस्था के प्रतिनिधियों ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि आमतौर पर बच्चे के गायब होने पर सनहा दर्ज किया जाता हैं, किंतु 24 घंटा के अंदर बरामद नहीं होने पर यह मानना चाहिए कि बच्चे का अपहरण हो गया. उसके बाद प्राथमिकी दर्ज करते हुए उनके बरामदगी की दिशा में नियमानुकूल कदम उठाना चाहिए.
बताया कि बच्च के गायब होने पर फोटो के साथ बच्च का विज्ञापन अखबार में प्रकाशित होना चाहिए. इसी प्रकार भारत सरकार के वेबसाइट पर गायब बच्च की तसवीर डालनी चाहिए. ताकि समय रहते गायब बच्च की जानकारी मिल सके.
वरदी में न करें पूछताछ
बताया गया कि अगर कोई बाल अपराधी पकड़ाता है तो जुबेनाइल एक्ट के तहत उनके साथ पेश आना चाहिए. पुलिस अधिकारी को वरदी में बाल अपराधी से पूछताछ नहीं करना चाहिए. बाल अपराधी को हाजत में नहीं रखने की बात भी कही गयी. उनके साथ अपनत्व से पेश आने को कहा गया. पुलिस अधिकारियों को यह भी कहा गया कि जड़ी-बूटी उद्योग से मुक्त बच्च को मां-बाप के हवाले करने के बाद पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी समाप्त नहीं होती है, उन्हें समय-समय पर बच्च की जांच-पड़ताल भी करनी चाहिए. यह देखना चाहिए कि मां-बाप ने लोभ से कहीं पुन: बच्च को जड़ी-बूटी उद्योग में तो नहीं भेज दिया है.
इस मौके पर मौजूद एसपी नवल किशोर सिंह, एएसपी सत्यनारायण प्रसाद, एएसपी अभियान संजीव कुमार, इंस्पेक्टर विमल सिंह, रामाकांत सिंह व नरेंद्र कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने पाकिस्तान के पेशावर में बच्चों के दर्दनाक मौत पर दु:ख व्यक्त करते हुए उनके आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. कार्यशाला का उद्घाटन एसपी नवल किशोर सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया.

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