खुला कार्यालय का ताला, हटा अतिक्रमण
बोखड़ा: प्रखंड की बोखड़ा पंचायत की मजदूरों ने मंगलवार को प्रखंड व अंचल कार्यालय में करीब नौ घंटे तक ताला जड़ कर रखा. इस दौरान बीडीओ, सीओ व कर्मी को कार्यालय में नहीं जाने दिया गया. सभी बाहर ही डटे रहे और वरीय अधिकारियों को मामले से अवगत कराते रहे. सुबह सात बजे ताला जड़ा […]
बोखड़ा: प्रखंड की बोखड़ा पंचायत की मजदूरों ने मंगलवार को प्रखंड व अंचल कार्यालय में करीब नौ घंटे तक ताला जड़ कर रखा. इस दौरान बीडीओ, सीओ व कर्मी को कार्यालय में नहीं जाने दिया गया. सभी बाहर ही डटे रहे और वरीय अधिकारियों को मामले से अवगत कराते रहे. सुबह सात बजे ताला जड़ा गया जो बीडीओ व सीओ की पहल के बाद करीब तीन बजे खुला. तब जाकर अधिकारी व कर्मी कार्यालय में गये और अपनी हाजिरी बनाये.
तीन वर्ष से मजदूरी बकाया
मजदूरों का नेतृत्व कर रहे हरि चौपाल व अन्य ने बताया कि मनरेगा मजदूरों का करीब तीन वर्षो से मजदूरी बकाया है. पैसा नहीं मिलने से 84 मजदूर प्रभावित हैं. प्रति मजदूर 32 हजार रुपया मिलना है. बताया कि 27 दिसंबर को तालाबंदी की सूचना देने के लिए प्रखंड व अंचल कार्यालय में गये, पर वहां आवेदन नहीं लिया गया. तब निबंधित डाक से आवेदन भेज सूचना दी गयी. मजदूरों ने भुगतान के साथ ही बिहार सरकार की जमीन पर चौपाल जाति के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण कराने की मांग की.
वहीं सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की भी मांग की. इस पर सीओ मनोज कुमार वर्मा ने अवर निरीक्षक अभय नंदन व सैप बलों के साथ गांव में जाकर अतिक्रमण हटाया. एक गुमटी व एक फुस की दुकान को हटाया गया. वहां से लौटने पर सीओ ने मांगों पर कार्रवाई का भरोसा दिया.
बीडीओ किशोर कुणाल ने भी मजदूरों से आवेदन लिया और मांगों पर शीघ्र कार्रवाई करने की बात कही. तब जाकर मजदूर शांत हुए और कार्यालयों में लगाये गये ताला को खोला.
नदारद रहे मनरेगा पीओ
इस पूरे हंगामे के दौरान मनरेगा पीओ विनोद प्रभाकर मुख्यालय में नजर नहीं आये. बीडीओ ने उनके मोबाइल पर संपर्क साधा, पर विफल रहे. मजदूरों का कहना था कि पीआरएस दिलीप कुमार द्वारा मजदूरों से पांच-पांच हजार रुपया की मांग की गयी थी. नहीं देने के कारण ही उनके द्वारा भुगतान में पेच फंसा दिया गया.