नहीं मांगें अनावश्यक मार्गदर्शन
सीतामढ़ीः जिला परिषद के कार्यो के निष्पादन के क्रम में रूटीन मामलों में अनावश्यक रुप से मार्गदर्शन मांगने की प्रवृत्ति को सरकार ने गंभीरता से लिया है. सरकार ने कहा है कि इससे कार्य निष्पादन में विलंब होता है. दोनों के समय की बरबादीपंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमिताभ वर्मा ने कहा है कि […]
सीतामढ़ीः जिला परिषद के कार्यो के निष्पादन के क्रम में रूटीन मामलों में अनावश्यक रुप से मार्गदर्शन मांगने की प्रवृत्ति को सरकार ने गंभीरता से लिया है. सरकार ने कहा है कि इससे कार्य निष्पादन में विलंब होता है.
दोनों के समय की बरबादी
पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमिताभ वर्मा ने कहा है कि प्राय: ऐसा देखा जाता है कि वैधानिक स्थिति के बावजूद कई जिला परिषदों के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों द्वारा रूटीन मामलों में या वैसे मामलों में जो अधिनियम, नियमावली या सरकारी निर्देश में बिल्कुल स्पष्ट किया जा चुका है या जिसके लिए सामान्य प्रक्रिया पूर्व से निर्धारित है, में भी बिना जिला स्तर से ध्यान आकृष्ट किये ही विभाग से मंतव्य व परामर्श की मांग की जाती है. कई मामलों में परामर्श का बिंदु भी स्पष्ट नहीं रहता है. साथ ही, विषय से संबंधित पूर्व सूचना भी अनुपलब्ध रहती है. इससे जिला परिषद व सरकार दोनों स्तर पर अनावश्यक रुप से समय की बरबादी होती है.
परामर्श का बिंदु स्पष्ट हो
प्रधान सचिव श्री वर्मा ने कहा है कि जिला परिषद के कार्यकलाप से संबंधित वैसे मामलों में ही परामर्श की मांग की जाये, जिनके संबंध मे अधिनियम, नियमावली या सरकारी निदेशों में कोई प्रावधान न हो या किया गया प्रावधान अस्पष्ट या कोई विरोधाभास हो. यह भी कहा कि मार्गदर्शन मांगते समय परामर्श का बिंदु बिल्कुल स्पष्ट किया जाये.
सीधे संबंधित विभाग से निर्देश मांगे
जिप अध्यक्ष व डीडीसी को भेजे पत्र में प्रधान सचिव ने कहा कि जिप कार्यक्षेत्र के अधीन वैसे विषयों, जो सरकार के किसी अन्य विभाग के अधीन हो, के संबंध में जिप सीधे संबंधित विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी या प्रशासी विभाग से मार्गदर्शन की मांग किया जाना श्रेयस्कर होगा.