वकील द्वारा बहस नहीं करने पर कोर्ट सख्त

डुमरा कोर्ट : द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार दूबे ने गुरुवार को हत्या के एक मामले में आरोपित पक्ष द्वारा बहस नहीं किये जाने के मामले को काफी गंभीरता से लिया है. कोर्ट आरोपित पक्ष को कटघरे में खड़े रख कर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए संबंधित अधिवक्ताओं को बहस करने को कहा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2015 10:02 PM

डुमरा कोर्ट : द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार दूबे ने गुरुवार को हत्या के एक मामले में आरोपित पक्ष द्वारा बहस नहीं किये जाने के मामले को काफी गंभीरता से लिया है. कोर्ट आरोपित पक्ष को कटघरे में खड़े रख कर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए संबंधित अधिवक्ताओं को बहस करने को कहा. अधिवक्ताओं द्वारा समय दर समय बीत जाने के बावजूद भी बहस नहीं करने पर कोर्ट ने संबंधित अधिवक्ताओं से उनका स्वयं शपथ पत्र लिया तथा अगली तिथि से बहस करने के आश्वासन पर आरोपियों को मुक्त किया. यह जिला का पहला मामला है जिसमें आरोपी पक्ष के अधिवक्ता द्वारा बहस नहीं किये जाने पर कोर्ट ने सख्ती दिखायी है.– क्या है पूरा मामलावर्ष 1993 में एक जनवरी को बेला थाना क्षेत्र के मलाही गांव निवासी तलेवर राय की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. जिस बाबत मृतक का भतीजा वीर बहादुर राय ने बेला थाना में ग्रामीण राजदेव राय, नागेंद्र राय, महेंद्र सिंह यादव समेत 23 व्यक्तियों को आरोपित किया. मामला वर्ष 1993 से विचारण में चल रहा है. इधर फिर इस मामले में एक और विचारण 1999 में प्रारंभ हुआ. सरकार पक्ष द्वारा साक्ष्य को खत्म कर बहस भी कर दिया गया. इस प्रकार सरकार पक्ष ने कुल चार बार अपनी बहस को खत्म किया, पर आरोपी पक्षों ने एक बार भी बहस प्रारंभ नहीं किया. इसी बीच मामले के सूचक पटना हाई कोर्ट की शरण में चला गया, जहां से उक्त मामले का निष्पादन चार सप्ताह में करने का आदेश दिया गया.

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