90 दिनों तक गायब रहे तो जायेगी नौकरी

सीतामढ़ी : एक नियोजन इकाई के तहत कार्यरत रहते हुए दूसरे नियोजन इकाई में चले जाने वाले शिक्षकों द्वारा पूर्व के नियोजन इकाई को इसकी जानकारी दी जाती है. इस बात को सरकार ने गंभीरता से लिया है. शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार सिंह ने उक्त आशय की बाबत स्थानीय शिक्षा विभाग व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2015 7:02 PM

सीतामढ़ी : एक नियोजन इकाई के तहत कार्यरत रहते हुए दूसरे नियोजन इकाई में चले जाने वाले शिक्षकों द्वारा पूर्व के नियोजन इकाई को इसकी जानकारी दी जाती है. इस बात को सरकार ने गंभीरता से लिया है. शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार सिंह ने उक्त आशय की बाबत स्थानीय शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन को पत्र भेजा है.

आरटीई का होता है हनन पत्र में संयुक्त सचिव ने कहा है, उन्हें कई स्त्रोतों से सूचना मिल रही है कि कुछ शिक्षक बिना सूचना पद छोड़ कर किसी अन्य नियोजन इकाई के तहत काम करने लगते है. उनके द्वारा नियोक्ता को पद छोड़ने की सूचना नहीं दी जाती है.

वहीं कुछ शिक्षक बिना सूचना के लंबी अवधि तक अपने कार्य से नदारद रहते है. इससे बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित होने के साथ ही शिक्षा का अधिकार का हनन होता है. इतना ही नहीं, बिना सूचना के नदारद रहने पर उनके खाली पद पर नियोजन करने में भी कठिनाई होती है. ऐसे शिक्षकों के खिलाफ बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक नियमावली 2012 एवं बिहार नगर प्रारंभिक शिक्षक नियमावली 2012 के नियम 17 के तहत कार्रवाई करने की हरी झंडी दी गयी है. पत्र में संयुक्त सचिव श्री सिंह ने कहा कि 90 दिनों तक लगातार स्कूल से नदारद रहने वाले शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछ अनुशासनिक कार्रवाई की जाये. कहा है कि नियोजन इकाई के द्वारा जिन्हें पद से हटा दिया जायेगा उन्हीं पदों को आगामी नियोजन में गणना की जायेगी.

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