सोनबरसाः प्रखंड कार्यालय में समय पर साहब व बाबू दोनों पहुंचे. इससे इतर अंचल कार्यालय का हाल रहा. एक मामले में बीडीओ की विवशता भी दिखी. इसका खुद इजहार किया. प्रभात खबर की टीम शुक्रवार को प्रखंड सह अंचल कार्यालय पहुंची थी. टीम ने देखा कि अंचल में सुबह 11:15 बजे तक न साहब पहुंचे थे, ना बाबू.
एक मात्र अनुसेवी राम सेवक राय पहुंचे थे, जो यह एहसास करा रहे थे कि अंचल में साहब व बाबू नहीं तो क्या, कम से कम वे एक सरकारी कर्मी तो जरूर मौजूद हैं. बरामदे पर अनुसेवी को टहलते देखा गया. सीओ कार्यालय समेत अन्य कमरे में ताला लटका था. सीओ राम वचन राम ने दूरभाष पर बताया कि बड़ा बाबू व सीआइ जिला में बैठक में भाग लेने गये हैं. अन्य कर्मी पहुंचने ही वाले होंगे. सीओ से यह बात ठीक 10:54 बजे हुई.
कार्तिक के बाद नहीं मिली पेंशन
दोस्तिया पंचायत के दोस्तिया गांव का जन्नत उर्फ ताहिर लहेरी प्रखंड कार्यालय पहुंचा था. वह विकलांग है. ट्राइसाइकिल से दास्तिया से यहां आया था. पूछने पर बताया कि नौ वर्ष से पेंशन मिल रहा था. गत कार्तिक से पेंशन बंद है. कोई बताने को तैयार नहीं कि किस कारण बंद हुआ. बीडीओ के स्तर से पंचायत सचिव को कहा जाता है और सचिव सुनते नहीं.
दो वर्षो से दौड़ रहा अंचल कार्यालय
टीम की मुलाकात हुई खाप-खोपराहा के प्राणचंद पासवान से. वह एक बार फिर अंचल कार्यालय पहुंचा था. बताया कि पिछले दो वर्षो से अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहा है. उसकी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है. उसकी शिकायत पर 18 जुलाई को अमीन की बहाली हुई. अमीन नापी के नाम पर आना-कानी कर रहे हैं.
मनरेगा कार्यालय में लटका रहा ताला
मनरेगा कार्यालय में ताला लटका था. आरटीपीएस काउंटर की व्यवस्था ठीकठाक दिखी. आवेदक कतार में लगे हुए थे.