सच्चे अर्थ में कर्मयोगी थे संत रविदास

फोटो-22 मौजूद अतिथि एवं अन्य– गांधी मैदान में संत रविदास की जयंती मनी– संत शिरोमणि के बताये मार्ग पर चलने का संकल्प– रविदास की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांगसीतामढ़ी : जिला रविदास महासभा एवं भारतीय दलित साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को नगर के गांधी मैदान में संत रविदास की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2015 9:03 PM

फोटो-22 मौजूद अतिथि एवं अन्य– गांधी मैदान में संत रविदास की जयंती मनी– संत शिरोमणि के बताये मार्ग पर चलने का संकल्प– रविदास की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांगसीतामढ़ी : जिला रविदास महासभा एवं भारतीय दलित साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को नगर के गांधी मैदान में संत रविदास की जयंती मनायी गयी. कार्यकारी अध्यक्ष विंदेश्वर राम की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में सर्वसम्मति से विभिन्न प्रस्ताव पारित किया गया. वार्षिक आय-व्यय पारित करते हुए कहा गया कि संत रविदास महासभा आश्रम का लंबित मुकदमा निपटाने में यथाशीघ्र पहल की जरूरत है. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अवकाश प्राप्त अपर समाहर्ता प्रेमचंद्र बैठा ने कहा कि हमें आत्मबल, साहस से समाज में उच्च कोटि का आदर्श स्थापित करना होगा. सूझबूझ विकसित कर हुनर, हिम्मत, ज्ञान अर्जित करना होगा. मुख्य अतिथि भारतीय दलित साहित्य अकादमी के प्रमंडलीय अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सत्येन ने कहा कि समाज को जगाने वाले संत शिरोमणि रविदास हमारे आदर्श है. इनकी जीवनी पाठ्यक्रम में लागू हो. जिस दिन बहुजन जगेगा समाज में आदर्श लागू होगा. स्वागत भाषण करते हुए महामंत्री रामवृक्ष राम चकपुरी ने कहा कि यदि समाज में संत रविदास नहीं होते तो छुआछूत, जातिप्रथा, सामाजिक बुराइयों से मुक्ति का रास्ता नहीं मिलता. विशिष्ट अतिथि आनंद महतो ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी सच्चे अर्थ में कर्मयोगी थे. कार्यक्रम में पिंकी कुमारी, नागेश्वर राम, दिलीप राम, राघवेंद्र कुमार कुशवाहा, रामविलास राम, महेंद्र राम, मंजू कुमारी, शिक्षिका हरदेव राम, मुन्ना यादव, प्रेम पासवान समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे.

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