सीतामढ़ी : वर्तमान परिवेश में परिवारों में आपसी एकता का अभाव होता जा रहा है. विचारों में मतभेद होने के कारण विभिन्न प्रकार से लोग कई बीमारियों से ग्रस्त हैं. उक्त बातें श्री रामाज्ञा दास जी महाराज ने गुरुवार को कही. वे परम पूज्य ब्रह्मलीन तपस्वी नारायण दास जी महाराज श्री बगही धाम की पावन स्मृति में डुमरा हवाई अड्डा मैदान में आहूत श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ के सिलसिले में क्षेत्र भ्रमण के क्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे. — संदेश तपस्वी के जीवन का अनुभवमहाराज श्री ने कहा कि यह संदेश एक महान तपस्वी संत के जीवन का अनुभव है. गुरुदेव भगवान का विचार मन में आया कि आज के वर्तमान समय को देखते हुए लोक कल्याण के लिए सुख, शांति, समृद्धि, आपसी सप्रेम के लिए अध्यात्म हीं एक ऐसा मार्ग है, जो परिवारों में सबको जोड़ने का एक सहज तरीका है. गोस्वामी तुलसी जी महाराज ने लिखा है कि ‘राम नाम अवलंब बिन परमार्थ की आश, बइस बारिध बिन चाहत चरण आकाश’ अर्थात किसी भी कार्य को करने के लिए ईश्वर के नाम का सहारा लेना आवश्यक है. जैसे बरसात के बूंद को पकड़ कर आकाश पर चढ़ना असंभव है, उसी प्रकार हमें ईश्वर नाम के बिना सुख शांति नहीं प्राप्त हो सकती.– गांधीजी ने लिया था राम नाम देश को आजाद करने के लिए महात्मा गांधी ने भी राम के नाम का सहारा लिया था. तपस्वी नारायण दास जी महाराज का संदेश था कि परिवार के साथ सायं काल 7.30 बजे से 8 बजे के मध्य 10 मिनट सीताराम नाम अथवा ईश्वर के जिस नाम में श्रद्धा हो उसी नाम का सामूहिक बैठ कर विश्व शांति की कामना करते हुए जाप करे.
BREAKING NEWS
अध्यात्म परिवार को जोड़ने का सहज तरीका : रामाज्ञा दास जी महाराज
सीतामढ़ी : वर्तमान परिवेश में परिवारों में आपसी एकता का अभाव होता जा रहा है. विचारों में मतभेद होने के कारण विभिन्न प्रकार से लोग कई बीमारियों से ग्रस्त हैं. उक्त बातें श्री रामाज्ञा दास जी महाराज ने गुरुवार को कही. वे परम पूज्य ब्रह्मलीन तपस्वी नारायण दास जी महाराज श्री बगही धाम की पावन […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement