अजन्मा एवं अविनाशी हैं भगवान : शुकदेव दास जी

फोटो-24 शुकदेव दास जी महाराज — कन्हौली राम जानकी मठ पर रामकथा का आयोजनसीतामढ़ी : परम पूज्य ब्रह्मलीन तपस्वी श्री नारायण दास जी महाराज के कृपा पात्र श्री शुकदेव दास जी महाराज ने मंगलवार को अपने सरस एवं मधुर वाणी में संगीत मयी रामकथा के द्वारा भगवान श्रीराम के पादुर्भाव की दिव्य चर्चा की. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2015 10:03 PM

फोटो-24 शुकदेव दास जी महाराज — कन्हौली राम जानकी मठ पर रामकथा का आयोजनसीतामढ़ी : परम पूज्य ब्रह्मलीन तपस्वी श्री नारायण दास जी महाराज के कृपा पात्र श्री शुकदेव दास जी महाराज ने मंगलवार को अपने सरस एवं मधुर वाणी में संगीत मयी रामकथा के द्वारा भगवान श्रीराम के पादुर्भाव की दिव्य चर्चा की. उन्होंने कहा कि भगवान तो अजन्मा एवं अविनाशी है, परंतु ब्राह्मण, गाय, संत, साधकों की रक्षा और हित के लिए भगवती कौशल्या के गर्भ से लंबी प्रतीक्षा एवं तपस्या के पश्चात महाराज दशरथ की अंतिम अवस्था में अवतरित हुए. महाराज श्री सोनबरसा प्रखंड के कन्हौली राम जानकी मठ पर प्रवचन के दौरान कहा कि गुरुदेव वशिष्ठ द्वारा दिया गया वरदान पूरा हुआ. ‘धरहूं धीर होइहीं सुत चारी, त्रिभुवन विदित भगत भय हारी’ आज के सामाजिक परिवेश की चर्चा करते हुए कहा कि आजकल इनसान सब कुछ तुरंत प्राप्त कर लेना चाहता है. प्रतीक्षा एवं धैर्य नहीं रखना चाहता है, जबकि भगवान तो भक्तों के धैर्य की परीक्षा लेते हैं. भगवान के सुंदर जन्म पर बधाई गीत के माध्यम से ‘छगन-मगन खेलिहें अंगनईया, घुटकी चलहीं ललन गोसईयां, लाला जनम सुनी आई, कौशल्या मईया दे दो बधाई, राम जनम सुनी आई, कौशल्या मईया दे दो बधाई’ गाकर श्रद्धालु श्रोताओं की सुध बुध हरण करते हुए भाव नृत्य करने पर मजबूर कर दिये.

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