अंतिम सांसें गिन रही नदी लखनदेई, सरकार खामोश

सीतामढ़ी : बाढ़ के समय ही लखनदेई नदी में पानी का बहाव देखने को मिलता है. सालों भर यह मृतप्राय रहती है. नदी की उड़ाही नहीं होना, इसका मुख्य कारण माना जा रहा है. इसके अलावा नदी के किनारे वाले भाग पर अतिक्रमण किया जा रहा है. सैकड़ों लोग नदी का अतिक्रमण कर चुके हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2015 10:45 AM
सीतामढ़ी : बाढ़ के समय ही लखनदेई नदी में पानी का बहाव देखने को मिलता है. सालों भर यह मृतप्राय रहती है. नदी की उड़ाही नहीं होना, इसका मुख्य कारण माना जा रहा है. इसके अलावा नदी के किनारे वाले भाग पर अतिक्रमण किया जा रहा है. सैकड़ों लोग नदी का अतिक्रमण कर चुके हैं. मानों यह नदी अपनी अंतिम सांसें गिन रही है. सरकार व प्रशासन खामोश है. इस नदी को लक्ष्मणा नदी के नाम से भी जाना जाता है.
मिलती थी सिंचाई सुविधा
बहुत कम लोग हैं जो चाहते हैं कि इस नदी का अस्तित्व बना रहे. इनमें से एक रून्नीसैदपुर विधायक गुड्डी देवी हैं. वह इस नदी की उपयोगिता से भली-भांति अवगत है. उन्हें मालूम है कि कभी लखनदेई नदी की पानी से किसान अपने फसलों की सिंचाई करते थे. वर्षो से न तो नदी में पानी रहता है और न सिंचाई की सुविधा मिल पाती है.
23 किमी में सिल्टेशन
विधानसभा में सरकार का कहना था कि नेपाल में लखनदेई नदी फुलपरासी से भारत-नेपाल सीमा तक आठ किमी व भारतीय सीमा से सटे दुलारपुर से पोशुआ-पटनिया तक करीब 15 किमी यानी कुल 23 किमी की लंबाई में सिल्टेड है. विधायक को यह जानकारी दी गयी कि नेपाली भू-भाग से 23 किमी तक नदी तल सिल्टेड रहने के कारण नेपाली भू-भाग से नदी अपनी पूर्व की दिशा बदलते हुए अधवारा समूह की जमुरा नदी में मिल गयी है.
नेपाल में उड़ाही से बहाव
सरकार ने कहा कि भारतीय भू-भाग में उड़ाही से इस नदी में पानी का बहाव नहीं होगा. नेपाली भू-भाग में उड़ाही कराने पर समस्या का निदान हो सकता है. नदी की उड़ाही के लिए संघर्ष यात्राा के संयोजक शशि शेखर ने कई बार अनशन किये, धरना-प्रदर्शन किये और लोगों के बीच अभियान चलाया.
नदी के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए सैकड़ों लोगों को एकजुट कर संघर्ष शुरू किया. यहां तक कि नेपाल के संबंधित अधिकारियों से मिला और वहां के अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया कि नदी की उड़ाही में हर संभव सहयोग किया जायेगा. वे पानी का बहाव कराने के लिए नेपाल में भारतीय राजदूत से संपर्क साधे हुए हैं और उन्हें सकारात्मक पहल करने का आश्वासन मिला है. भाजपा की नेत्री शाहीन परवीन भी उक्त नदी को लेकर काफी कोशिश की है.

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