आंधी-तूफान से दो की गयी जान, लाखों का नुकसान
सीतामढ़ी : मंगलवार की शाम आयी तेज आंधी व तूफान के साथ ही ओला गिरने से जिले में विशेष कर फसलों को क्षति पहुंची है. वहीं, दो की मौत हो गयी, जबकि छप्पर गिरने व ओला से करीब तीन दर्जन लोग जख्मी हो गये. जगह-जगह सड़कों पर पेड़-पौधों व बिजली के तार टूट कर गिर […]
सीतामढ़ी : मंगलवार की शाम आयी तेज आंधी व तूफान के साथ ही ओला गिरने से जिले में विशेष कर फसलों को क्षति पहुंची है. वहीं, दो की मौत हो गयी, जबकि छप्पर गिरने व ओला से करीब तीन दर्जन लोग जख्मी हो गये. जगह-जगह सड़कों पर पेड़-पौधों व बिजली के तार टूट कर गिर गये, जिससे आवागमन बाधित है. सैकड़ों गरीबों के फुस के घरों का छप्पर तूफान में उड़ गया. छतों पर डाले गये एस्बेस्टस व करकट को भी तेज हवा उड़ा ले गया.
वहीं तेज हवा के चलते रीगा प्रखंड के पंछोर व कुशमारी गांव के बीच पारस नाथ मिश्र के आरा मिल का छप्पर उड़ गया और दीवार गिरने से उसमें दब कर बभनगामा के कृष्णदेव झा की मौके पर मौत हो गयी. घटना में श्री झा की पत्नी व रामएकबाल नामक मजदूर जख्मी हो गया. उधर, पुपरी प्रखंड के विक्रमपुर में एक घर की दीवार गिरने से उसमें दब कर रामएकबाल दास की मौत हो गयी. इसकी पुष्टि सीओ ओम प्रकाश ने की है. सीओ ने बताया कि मृतक रामएकबाल दास के परिजन को आपदा प्रबंधन मद से चार लाख का चेक दिया गया है. वही नानपुर प्रखंड में जाले-पुपरी पथ में सड़क पर पेड़ व बिजली का तार गिरने से आवागमन बाधित हो गया. सुप्पी प्रखंड के परसा गांव के बिकाऊ राम, उसकी पत्नी व पुत्री गेहूं के दउनी के दौरान आंधी आने पर एक पेड़ के नीचे छिप गये.
उक्त पेड़ की डाली टूट कर गिरने से तीनों जख्मी हो गये. पुपरी में भी आंधी व तूफान से फसलों की काफी क्षति हुई है. धर्मपुर गांव में महायज्ञ होने वाला है. इसे ले बनाया जा रहा पंडाल तेज हवा के चलते पूरा तहस-नहस हो गया. कृषि वैज्ञानिक डॉ मनोहर पंजिकार व डॉ सच्चिदानंद प्रसाद ने बताया कि आम व लीची को अधिक क्षति पहुंची है.
गेहूं की फसल को क्षति
जिले के कई प्रखंड में 50 फीसदी तो कई में 90 फीसदी गेहूं की कटाई व उसकी दौनी कर ली गयी है. बारिश से उन किसानों को आर्थिक क्षति हुई है, जिनके गेहूं खेत में ही लगे रह गये थे. एक तो पानी से गेहूं भींग गया और दूसरे की ओला से और बरबाद हो गया. वैसे पूर्व से ही गेहूं की बाली में दाना नहीं लगने से किसान चिंतित थे तो आंधी-पानी व ओला ने उनकी चिंता को और बढ़ा दिया है. सरकार से गेहूं की क्षति का मुआवजा मिलने पर ही किसान राहत की सांस ले सकेंगे. किसान नेता गुणानंद चौधरी कहते है कि ऋण के रूप में बड़ी राशि लेकर अगर किसान खेती करते तो जिस तरह से हर वर्ष फसलों की क्षति हो रही है, उस तरह से किसान दूसरे प्रदेशों के किसानों की तरह आत्महत्या करने को विवश हो जायेंगे.
आम व लीची को भी क्षति
ओला पड़ने से आम व लीची को क्षति पहुंची है. कहा जा रहा है कि आंधी व ओला से आम का काफी टिकोला गिर गया है और जो शेष बचा हुआ है वह चोटिल हो गया है. कृषि विज्ञान केंद्र बलहा मकसूदन के वैज्ञानिक डॉ मनोहर पंजिकार व डॉ सच्चिदानंद प्रसाद भी मानते है कि आम व लीची को क्षति पहुंची है. सब्जी की फसल को भी क्षति होने की बात कही जा रही है. जानकारों का कहना है कि यह आंधी व बारिश ने वैसे लोगों को और चिंतित कर दिया है जो व्यापारी वर्ग से आते है और इस सीजन में आम व लीची का बगीचा खरीद किये थे.