खुली आंखों से मकान को ढ़हते देखा

फोटो नंबर- 19 एसएसबी कैंप में इलाजरत उपेंद्र — भूकंप के दौरान आपस में टकराने लगी थी गाडि़यां — तब तक वह समझ नहीं सका था भूकंप का झटका — एक वाहन से उसे लगी ठोकर, दोनों पैर से हुआ जख्मी सोनबरसा : प्रखंड के रमनगरा गांव के धरखन साह का पुत्र उपेंद्र साह काठमांडू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2015 7:05 PM

फोटो नंबर- 19 एसएसबी कैंप में इलाजरत उपेंद्र — भूकंप के दौरान आपस में टकराने लगी थी गाडि़यां — तब तक वह समझ नहीं सका था भूकंप का झटका — एक वाहन से उसे लगी ठोकर, दोनों पैर से हुआ जख्मी सोनबरसा : प्रखंड के रमनगरा गांव के धरखन साह का पुत्र उपेंद्र साह काठमांडू में विगत पांच वर्षों से गोलगप्पा बेच रहा था. वह वहां तकियाधर मुहल्ला के वार्ड नंबर-9 में रहता था. वहां से लौटने पर प्रखंड के हनुमान चौक स्थित एसएसबी के मेडिकल कैंप में पहुंचा. वहां उसकी चिकित्सा की जा रही है. उपेंद्र ने बताया कि रोड पर गोलगप्पा बेच रहा था. इसी दौरान देखा कि गाडि़यां आपस में टकरा रही है. गाडि़यां एक-दूसरे को ठोकर मार रही है. वह यह दृश्य देखते रह गया. एक पल तो वह समझ नहीं पाया कि उसके आंखों के सामने यह सब क्या हो रहा है. तभी उसकी नजर सामने एक मकान पर पड़ी जो धारासायी हो रहा था. इसी बीच, एक वाहन ने उसे ठोकर मार दिया. वह जख्मी हो गया, जबकि ठोकर से उसका ठेला पलट गया. वह दोनों पैर से जख्मी हो गया. तब तक उसे एहसास हो गया था कि भूकंप का बड़ा झटका है. वहां से वह इधर-उधर भागने लगा. वह इस सोच में पड़ गया कि कैसे जान बचाये और यहां से भाग कर कैसे घर जायें. उपेंद्र ने बताया कि पैदल व भाड़े के वाहन से दो दिन में काठमांडू से यहां पहुंचे हैं.

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