कम हुआ भूकंप का खौफ बाजार में बढ़ी सरगरमी

तीन दिनों बाद लोगों ने राहत की सांस, चेहरे पर दिखा सुकून सीतामढ़ी : पिछले तीन दिनों से भूकंप के खौफ से घूट-घूट कर जी रहे जिलावासियों ने मंगलवार को राहत की सांस ली. किसी तरह का कंपन नहीं होने पर वे अब काफी हद तक खौफ के साया से बाहर निकल चुके है. मंगलवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2015 12:01 AM
तीन दिनों बाद लोगों ने राहत की सांस, चेहरे पर दिखा सुकून
सीतामढ़ी : पिछले तीन दिनों से भूकंप के खौफ से घूट-घूट कर जी रहे जिलावासियों ने मंगलवार को राहत की सांस ली. किसी तरह का कंपन नहीं होने पर वे अब काफी हद तक खौफ के साया से बाहर निकल चुके है. मंगलवार को लोगों के चेहरे पर सुकून देखा गया. बच्चे भी खुश नजर आ रहे थे.
शादी-विवाह का समय रहने के कारण भय के कारण खरीदारी करने से कतरा रहे लोग दुकान में देखे गये. घरेलू खरीदारी करने वाले महिला व पुरुष भी बाजार में नजर आ रहे थे. सबके चेहरे पर सामान्य भाव देखा जा रहा था. दुकानदार भी खुश नजर आ रहे थे. मेनरोड पर प्रतिदिन की तरह भीड़ लगी कई थी. कल तक सन्नाटा में तब्दील कारगिल व मेहसौल चौक पर जाम की समस्या भी देखी गयी.
इधर, बैंक में भी चहलपहल थी. बड़ी संख्या में ग्राहक बैंक आ-जा रहे थे. कर्मचारियों ने बताया कि सोमवार को कम ग्राहक आये थे, डरे हुए थे. उनलोगों के मन में ी डर बना हुआ था, लेकिन आज डर नहीं लग रहा है.
व्यवसायी अभिषेक सुंदरका ने बताया कि मंगलवार को व्यापार पटरी पर लौटी है, काफी हद तक लोग सामान्य नजर आ रहे है. भूकंप के कारण पिछले तीन दिनों में शहर के व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. तीन दिन से बंद सिनेमा हॉल भी खुल गया. हालांकि भीड़ काफी कम थी. नूतन व सिनेमा हॉल के संचालक संदीप गुप्ता व संजीव कुमार ने बताया कि 72 घंटा के बाद मनोरंजन का साधन सिनेमा हॉल खुला है. हॉल के बंद रहने के कारण 30-40 हजार रुपया का नुकसान हुआ है.
सरकार को तीन दिनों का टैक्स माफ करना चाहिए. इधर मौसम विज्ञान केंद्र के रिपोर्ट पर आंधी-तूफान आने की आशंका को लेकर एहतियात के तौर पर डीएम ने 29 व 30 अप्रैल को सभी स्कूल को बंद रखने का आदेश दिया है. डीएम डॉ प्रतिमा ने इसकी पुष्टि की है. इधर, भूकंप के कारण राहत की सांस ले रहे लोगों के चेहरे पर मौसम विभाग द्वारा आंधी-तूफान का संकेत दिये जाने को लेकर चिंता का भाव भी उभर आया है. हालांकि, आंधी-तूफान को लेकर बड़ी संख्या में किसान चिंतित है.

Next Article

Exit mobile version