दिल दहलाने वाली आवाज के साथ कांपी धरती
फोटो नंबर- 32 पत्नी व बच्चों के साथ मो आलम शिवहर : काठमांडू से लौट कर प्रखंड के गरहिया गांव अपने घर पहुंचे. मो आलम अब भी डरे व सहमे हुए हैं. भूकंप के खौफनाक मंजर को वे नहीं भूल सके हैं. वहां से लौटने वालों में उनकी पत्नी अबसार शेख, पुत्री नासरिन शेख व […]
फोटो नंबर- 32 पत्नी व बच्चों के साथ मो आलम शिवहर : काठमांडू से लौट कर प्रखंड के गरहिया गांव अपने घर पहुंचे. मो आलम अब भी डरे व सहमे हुए हैं. भूकंप के खौफनाक मंजर को वे नहीं भूल सके हैं. वहां से लौटने वालों में उनकी पत्नी अबसार शेख, पुत्री नासरिन शेख व पुत्र शाहिल शेख के अलावा कर्मी मो नौशाद, मो अफसर, मो तबरेज व मो आशिक समेत 18 लोग शामिल हैं. मो आलम का काठमांडू के कालीमाटी में बैग बनाने का कारखाना है. बताते हैं कि सभी कारीगर बैग बनाने में लगे थे. वे भी वहां मौजूद थे. उसी दौरान अचानक दिल दहला देने वाली आवाज के साथ धरती कांपने लगी. वहां से सभी भूकंप आया-भूकंप आया, भागो-भागो की आवाज लगाते हुए भागने लगे. देखा कि उसके आवास के समीप यानी ढ़लको पुल के पास सात मंजिला एक मकान जमींदोज हो गया. उस मकान को जिम हाउस के नाम से भी जाना जाता था. अफरा-तफरी का माहौल हो गया. हर कोई अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहा था. सभी लोग एक मैदान में गये. वह सीन जब भी याद आता है तो आभास होता है कि धरती हिल रही है. सबों के मुंह से एक हीं बात निकल रही थी अल्लाह-अल्लाह. यह घटना शनिवार के दिन के करीब 12 बजे की है. हम सभी जीने की आस छोड़ चुके थे. घर लौटने को बेताब थे. पैसे की कमी हो गयी थी. जिंदा रहने के लिए पानी, चूड़ा, गुड़ व फल मुश्किल से मिल रहा था. सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं थी. प्राइवेट बस वाले नाजायज भाड़ा वसूल रहे थे. काठमांडू से गौर का किराया 750 रुपया नेपाली है जबकि दो-दो हजार रुपया भाड़ा देकर यहां आये हैं. पुलिस ने किराया के बारे में पूछा भी था कि अधिक तो नहीं लिया गया है. झूठ बोलना पड़ा, क्योंकि जल्दीबाजी में घर पहुंचना था.