भूकंप त्रासदी : पत्नी थी बेहोश, रो रहे थे बच्चे

फोटो नंबर- 14 पत्नी व बच्चों के साथ शंभु शर्मा सोनबरसा : नेपाल के काठमांडू शहर में भूकंप की त्रासदी झेल कर 10 दिन बाद घर लौटे शंभु शर्मा कहते हैं कि वहां के हालात में अब भी कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है. भूकंप से बहुत से लोग जख्मी हो गये थे. अस्पतालों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2015 6:04 PM

फोटो नंबर- 14 पत्नी व बच्चों के साथ शंभु शर्मा सोनबरसा : नेपाल के काठमांडू शहर में भूकंप की त्रासदी झेल कर 10 दिन बाद घर लौटे शंभु शर्मा कहते हैं कि वहां के हालात में अब भी कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है. भूकंप से बहुत से लोग जख्मी हो गये थे. अस्पतालों में उनकी चिकित्सा चल रही है. अस्पताल में जगह नहीं होने पर बाहर टेंट में भी चिकित्सा की व्यवस्था की गयी है. निजी नर्सिंग होम व क्लिनिक में घायलों का इलाज चल रहा है. वे वहां के तबाही के मंजर को नहीं भूल पायेंगे. बताया कि काठमांडू के शंभु चौक पर उनका फर्नीचर का कारखाना है. भूकंप होने पर कर्मियों के साथ बाहर भागे. इसी बीच देखा कि कारखाना का छत गिर गया. पूरा फर्नीचर मलबे में दब गया. वहां से भाग कर डेरा की ओर गये. देखा कि कमरे के बाहर सड़क पर पत्नी यशोदा देवी लहू-लुहान है और जख्मी होकर बेहोश पड़ी हुई है. वहीं पर चारों बच्चे रो रहे थे. पत्नी को निजी नर्सिंग होम में ले गये. नौ दिनों बाद चिकित्सक ने पत्नी को मुक्त किया और भागे-भागे घर आये हैं. बताया कि उसने मलबे से करीब 100 लाश को निकालते देखा. वह करीब 120 बार भूकंप का झटका महसूस किया. शंभु शर्मा अपनी पत्नी व जुड़वा पुत्र व पुत्री क्रमश: रामकुमार, लक्ष्मण कुमार, रबीना कुमारी व चंदन कुमार के साथघर पहुंच भाग्यशाली मान रहे हैं.

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