माओवादियों की धमक से शिवहर में दहशत
शिवहर . अंदर माओवादियों घटनाओं की धमक ने एक बार फिर से शिवहर के चप्पे-चप्पे में दहशत का माहौल कायम कर दिया हैं. पुलिस गश्ती को चुनौती देते हुए नक्सली वारदातों को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं. नक्सलियों घटनाओं के कारण शिवहर का विकास प्रभावित होता जा रहा है. अब तक रेल मार्ग […]
शिवहर . अंदर माओवादियों घटनाओं की धमक ने एक बार फिर से शिवहर के चप्पे-चप्पे में दहशत का माहौल कायम कर दिया हैं. पुलिस गश्ती को चुनौती देते हुए नक्सली वारदातों को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं. नक्सलियों घटनाओं के कारण शिवहर का विकास प्रभावित होता जा रहा है. अब तक रेल मार्ग समेत कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित शिवहर को कृषि प्रधान जिला माना जाता है. नक्सली घटनाओं के साथ-साथ आपराधिक घटनाओं ने बाकी कसर भी पूरी कर दी. तकरीबन पांच वर्ष से नक्सली से अधिक आपराधिक घटनाएं हो रही है. पुलिस के सभी दावों को धत्ता बता कर नक्सली व अपराधी ताबड़तोड़ हत्या व लूट समेत संगीन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. हाल के वर्षों में नक्सली घटना24 जून 2001 को देकुली पुलिस पिकेट पर हमला बोल कर नक्सलियों ने शिवहर जिला में दस्तक दी थी. उसके बाद से अब तक नक्सली लगातार नक्सली घटनाओं को अंजाम देते आ रहे हैं. 2012 से 13 के बीच कुछ माह तक नक्सली घटना में विराम लगा था, किंतु सात अप्रैल 2013 को नक्सलियों ने पुरनहिया थाना अंतर्गत कटेया गांव स्थित मोबाइल टावर को आग लगा कर एक बार फिर से अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. टावर पर मालिकाना हक बियोम कंपनी का था, जबकि प्रबंधन पेश पावर कंपनी के हवाले था. इधर माओवादियों ने तरियानी थाना क्षेत्र के विशंभरपुर गांव के पास पुल निर्माण कार्य में लगे मजदूरों का शेड व सीमेंट के गोदाम में आग लगा कर लाखों का नुकसान पहुंचाया था. 27 मई 2015 को बस को फूंक कर सनसनी फैला दी.