मनोज पर पुलिसिया जुल्म को सह न सके पिता

जेल से आकर दी थी पिता को मुखाग्निसीतामढ़ी. जिला जनता दल के पूर्व अध्यक्ष सह वरिष्ठ राजद नेता मनोज कुमार साल 1998 के पुलिसिया कार्रवाई को अब तक नहीं भूल सके है. प्रदेशस्तरीय कार्यक्रम के तहत वर्ष 1998 में नौ से 14 अगस्त तक जन समस्याओं के सवाल पर 16 सूत्री मांगों के समर्थन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2015 9:05 PM

जेल से आकर दी थी पिता को मुखाग्निसीतामढ़ी. जिला जनता दल के पूर्व अध्यक्ष सह वरिष्ठ राजद नेता मनोज कुमार साल 1998 के पुलिसिया कार्रवाई को अब तक नहीं भूल सके है. प्रदेशस्तरीय कार्यक्रम के तहत वर्ष 1998 में नौ से 14 अगस्त तक जन समस्याओं के सवाल पर 16 सूत्री मांगों के समर्थन में आंदोलन का निर्णय लिया गया था. निर्णय के आलोक में 11 अगस्त 1998 को सीतामढ़ी में पुपरी के तत्कालीन विधायक नवल किशोर राय के नेतृत्व में गांधी मैदान से हजारों की संख्या में बाढ़ पीडि़त रोटी की मांग को लेकर समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन करने पहुंचे. इसी दौरान कुछ ऐसी घटनाए हुई कि प्रशासनिक फरमान पर पुलिस ने फायरिंग कर दी थी. घटना में कुल पांच लोगों की मौत हो गयी थी. बाद में प्रशासनिक कार्रवाई के तहत नेताओं का धर-पकड़ शुरू किया गया. इसी क्रम में मनोज कुमार को पुलिस कर ले गयी और ऐसी यातना दी जो इनके जीवन के लिए कभी न भूलने वाला पल बन गया. घटना की चर्चा करते हुए अनेकों बार मनोज ने बीते दिनों की याद को ताजा किया है. बतौर मनोज पुलिस ने बेरहमी से पिटाई ही नहीं की, बल्कि इनकी दाढी और मूंछ तक को उखाड़ लिया था. घटना के सदमा को इनके पिता सहन नहीं कर सके थे और उनकी मौत हो गयी थी. बाद में पुलिस अभिरक्षा में वे जेल की सलाखों से बाहर निकले थे और अपने पिता का अंतिम संस्कार किया था.

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