गरमी की बढ़ती तपिश से लोग हुए बेजान
फोटो नंबर- 5 गमछा ओढ़ कर धूप से बचाव करते लोग, 6 दोपहर में सर पर रूमाल रख कर जाती महिला, 7 गरमी की मार से छाता लगा कर जाता एक व्यक्ति, 8 व 9 प्यास बुझाते बालक व महिला सीतामढ़ी : गरमी का सितम अब लोगों को सहा नहीं जा रहा है. दिन व […]
फोटो नंबर- 5 गमछा ओढ़ कर धूप से बचाव करते लोग, 6 दोपहर में सर पर रूमाल रख कर जाती महिला, 7 गरमी की मार से छाता लगा कर जाता एक व्यक्ति, 8 व 9 प्यास बुझाते बालक व महिला सीतामढ़ी : गरमी का सितम अब लोगों को सहा नहीं जा रहा है. दिन व दिन गरमी की बढ़ रही तपिश से लोग बेजान होते जा रहे हैं. वहीं, बिजली की आपूर्ति में कटौती से गरमी और खल रही है. लोगों का मानना है कि प्रकृति के साथ छेड़- छाड़ करने पर यह नतीजा भुगतना हीं पड़ेगा. — दोपहर की धूप असहनीय वैसे तो सुबह आठ बजे से झुलसा देने वाली धूप दोपहर तक असहनीय हो जाती है. कड़ी धूप के चलते सड़कों पर बहुत कम लोग दिखते हैं. कई सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है. पुन: भीड़-भाड़ तब दिखती है,जब चार बजे के बाद गरमी कम होती है. — पेय पदार्थों की मांग बढ़ी गरमी के चलते पेय पदार्थों की मांग अचानक बढ़ गयी है. सत्तू व ठंडा पेय पदार्थों की दुकानों पर एक तरह से पूरे दिन भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है. सब के सब प्यास बुझाने के लिए इन दुकानों पर आते हैं.