बरकतों का खजाने के रूप में सामने है रमजान

सुरसंड : रमजान का महीना अपने अंदर बरकतों का खजाना लिये हाजिर है. अब ये हमारे ऊपर है कि हम इस खजाने को कितना हिस्सा ले पाते है. मोहम्मद सल्लाहो अल्लेहय वो सल्लम साहब फरमाते है कि रमजान तुम्हारे ऊपर आ गया है जो बरकत वाला महीना है. इस महीना में अल्लाह का झुकाव अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2015 9:07 PM

सुरसंड : रमजान का महीना अपने अंदर बरकतों का खजाना लिये हाजिर है. अब ये हमारे ऊपर है कि हम इस खजाने को कितना हिस्सा ले पाते है. मोहम्मद सल्लाहो अल्लेहय वो सल्लम साहब फरमाते है कि रमजान तुम्हारे ऊपर आ गया है जो बरकत वाला महीना है. इस महीना में अल्लाह का झुकाव अपने बंदों की तरफ होता है और बंदों की दुआ कबुल फरमाते है. इस माह की फजिलत यह है कि बंदें अपने आप को गलत कामों से अलग रखता है. ताकि हम खुदा की रहमत की बारिश से भींग सके. हम में से प्रत्येक इंसान की दुनियावी और आखरत की जरुरत को सिर्फ और सिर्फ अल्लाह ही पूरा कर सकते है जो दाताओं का दाता है. हम सब अपनी हर छोटी बड़ी जरूरतों के लिए रमजान के इस माह में अल्लाह के सामने दुआ के लिए हाथ ऊपर उठायें, रोयें और गिड़गिड़ाये, देने वाला देने के लिए तैयार है. अब यह हमारे ऊपर है कि हम क्या और कितना मांगते है. हदीश मुबारक में कहा गया है कि अल्लाह रमजान के महीने में एक -दूसरे की नेकी को देखते है. हर एक की कोशिश होनी चाहिए कि हम ज्यादा से ज्यादा इबादत करने वाले बन जाये ताकि नेकी के इस दौड़ में हमें भी कोई स्थान मिल जाये. इस महीने में ही कुरान उतारा गया था. इसलिए हमें चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा कुरान पढ़े. रमजान का महीना कुरान को पढ़ने और समझने का भी महीना है. इस माह में कुरान की ज्यादा से ज्यादा तिलावत करनी चाहिए. इसकी जानकारी मदरसा रिजवानिया पकर टोला के मौलाना इस्तीयाक आलम ने दी है.

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