त्याग व तपस्या की प्रतिमूर्ति थी जगदंबा मां सरस्वती

फोटो नंबर-6, चित्र पर माल्यार्पण करते भक्त, 7, प्रवचन में शामिल श्रोता. शिवहर: जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय कक्ष में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में बुधवार को प्रथम मुख्य प्रशासिका जगदंबा मां सरस्वती की पुण्यतिथि मनायी गयी. इस दौरान उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया. केंद्र प्रभारी भारती बहन ने बताया कि पुण्यतिथि संपूर्णता दिवस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2015 4:04 PM

फोटो नंबर-6, चित्र पर माल्यार्पण करते भक्त, 7, प्रवचन में शामिल श्रोता. शिवहर: जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय कक्ष में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में बुधवार को प्रथम मुख्य प्रशासिका जगदंबा मां सरस्वती की पुण्यतिथि मनायी गयी. इस दौरान उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया. केंद्र प्रभारी भारती बहन ने बताया कि पुण्यतिथि संपूर्णता दिवस के रूप में मनाया गया है.यह उनकी 40 वीं पुण्यतिथि है. 24 जून 1965 को उन्होंने संपूर्णता की प्राप्ति की थी. इनका लौकिक नाम राधे था. 14 वर्ष की उम्र में संस्था से जुड़ गयी थी. वे त्याग तपस्या व गंभीरता की प्रतिमूर्ति थी. हर घड़ी को अंतिम घड़ी समझती थी. उनका कहना था कि कोई और सत्ता चला रहा है. हम लोग निमित मात्र है. मौके पर शिवेश्वर भाई, डॉ उदयशंकर शर्मा, आरआर कॉलेज के प्राचार्य उमेश नंदन सिंह, व्यवसायी राजेंद्र प्रसाद समेत कई मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version