राशि मंजूरी के बाद भी वेतन भुगतान नहीं

— संस्कृत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी संघ की बैठक– जनप्रतिनिधियों पर कर्मचारियों की उपेक्षा का आरोपसीतामढ़ी : बिहार राज्य संस्कृत शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी संघ की बैठक शुक्रवार को श्री जय अंबे संस्कृत उच्च विद्यालय, परसा खुर्द(सोनबरसा) के सभागार में मो जमसैद की अध्यक्षता में हुई. इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 35 वर्षों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2015 5:05 PM

— संस्कृत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी संघ की बैठक– जनप्रतिनिधियों पर कर्मचारियों की उपेक्षा का आरोपसीतामढ़ी : बिहार राज्य संस्कृत शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी संघ की बैठक शुक्रवार को श्री जय अंबे संस्कृत उच्च विद्यालय, परसा खुर्द(सोनबरसा) के सभागार में मो जमसैद की अध्यक्षता में हुई. इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 35 वर्षों से कार्यरत कर्मी शिक्षा कार्य में संलग्न हैं. कार्यरत कर्मियों द्वारा विभिन्न चुनावों में बढ़-चढ़ कर भाग लेकर जनप्रतिनिधियों को जिता कर भेजते हैं, जबकि तमाम प्रतिनिधि को महीने के अतिरिक्त अनेक सुविधाओं के लिए राशि मुहैया की जाती है और कार्यरत कर्मी की अंतरात्मा की पीड़ा दु:ख को सुनने एवं जानने का फुरसत तक नहीं है. विदित है कि वर्तमान मुख्यमंत्री एवं तत्कालीन शिक्षा मंत्री द्वारा वर्ष 2010 में 332 संस्कृत विद्यालयों की स्वीकृति कैबिनेट से कर वेतन भुगतान की राशि मंजूर की गयी. पांच वर्ष बीत जाने के बाद वर्ष 2015 तक कोई कार्यवाही नहीं हो पायी है. बैठक में कपिलदेव राय, रिपू कुमार, पवन यादव, प्रमोद राय, राम एकबाल ठाकुर, दिलीप कुमार, पलटन भंडारी, रामचंद्र निराला, हरिशंकर चौधरी, श्रीनारायण झा, शीला रानी समेत दर्जनों शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version